2014 के आरक्षण में भिलाई नगर निगम सामान्य पुरुष के लिए आरक्षित किया गया था। इस बार अनारक्षित हो गया है। अब यहां से महिला, पुरुष कोई भी चुनाव लड़ सकता है। फिलहाल यहां पर देवेंद्र यादव महापौर हैं।
दुर्ग नगर निगम साल 2014 में ओबीसी महिला के आरक्षित हुआ था। अन्य पिछड़ा वर्ग से चंद्रिका चंद्राकर महापौर है। इस बार यह सीट अनारक्षित हो गया है। अब यहां से कोई भी वर्ग का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है।
बुधवार को सबसे पहले संचालनालय ने अनुसूचित जाति वर्ग की लॉटरी निकाली। जिसमें नगर पालिक निगम चरोदा को एससी के लिए आरक्षण किया गया। साल 2014 के आरक्षण के में चरोदा को एससी महिला के लिए आरक्षित किया गया था। 2016 के चुनाव में एससी वर्ग से चंद्रकांता मांडले महापौर बनी।
साल 2014 के आरक्षण में यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग पुरुष के लिए आरक्षित था। इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया है। अब यहां से अगली महापौर कोई महिला उम्मीदवार होगी।
सबसे पहले अनुसूचित जाति (एससी) के लिए सीट आरक्षित की गई। प्रदेश के 13 निगम में से 2 सीट एससी के लिए आरक्षित हुई। आरक्षण के दो प्रमुख नियम
1. छत्तीसगढ़ नगर पालिका (महापौर/ अध्यक्ष) के पद का आरक्षण अधिनियम 1999 के अनुसार किया जाता है। इस नियम मुताबिक प्रदेश के नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों की कुल आबादी में से जातिगत आबादी का प्रतिशत के अनुसार निगम के महापौर का पद, परिषद एवं पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण का प्रावधान है। इसी नियम के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग महापौर और अध्यक्ष पद का आरक्षित हुआ है।
2. छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा-10/क में चक्रानुक्रम प्रावधान है। इस नियम के मुताबिक पहले से पारित आरक्षण चक्रानुक्रम (रोटेशन)में चलता रहेगा।
अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित – 02 (इनमें से 01 महिला हेतु आरक्षित)
अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित – 01
अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षित – 03 (इनमें से 01 महिला हेतु आरक्षित)
2. रायगढ़ (अनुसूचित जाति महिला)
3. अंबिकापुर (अनुसूचित जनजाति)
4. धमतरी (अन्य पिछड़ा वर्ग)
5. राजनांदगाँव (अन्य पिछड़ा वर्ग महिला)
6. कोरबा (अन्य पिछड़ा वर्ग)
7. रायपुर (अनारक्षित)
8. जगदलपुर (अनारक्षित महिला)
9. बिलासपुर (अनारक्षित)
10. भिलाई (अनारक्षित)
11. चिरमिरी (अनारक्षित महिला)
12. दुर्ग (अनारक्षित)
13. बीरगाँव (अनारक्षित)