शहर में २० हजार से अधिक पट्टेधारी भिलाई नगर निगम क्षेत्र में शासन ने 1984 में ३० साल की अवधि के लिए आवासीय पट्टा प्रदान किए थे। 30 वर्ष की अवधि २०१४ में समाप्त हो जाने के बाद नवीनीकरण की मांग उठी। तब शासन ने सर्वे शुरू किया। सर्वे में निगम क्षेत्र में लगभग २० हजार पट्टेधारी होने की बात सामने आई। इसमें ३० फीसदी लोगों ने पट्टे की जमीन की खरीदी-बिक्री होने और सात हजार लोगों के पास पट्टा ही नहीं होने की बात सामने आई।
खुश हो गए भिलाई के रहवासी पट्टा नवीनीकरण में जिन्होंने इसे खरीदा और रह रहे हैं, उनके नाम से नवीनीकरण किया जाएगा। यह संकेत राज्य सरकार ने केबिनेट की बैठक में दिया है। इससे पटरीपार में रहने वाले लोगों में खुशी की लहर है। इधर इस मांग को लेकर अभियान चलाने वाले छजकां के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार का वैशाली नगर में स्वागत हुआ।
मीडिया प्रभारी अजितेश मिश्रा ने बताया कि पट्टा नवीनीकरण में जिन्होंने खरीद बिक्री किया है, उनके नाम पर पट्टा नवीनीकरण करने की मांग पार्टी ने की थी। इसके लिए वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में ४ चरणों में अभियान चलाया था। पहले चरण में जनता के 10,000 हस्ताक्षर करवाकर मरवाही विधायक अमीत जोगी के नेतृत्व में 3000 लोगों के साथ नगर निगम का घेराव किया। आयुक्त को सीएम के नाम का ज्ञापन सौपा। इसके बाद १० हजार पोस्ट कार्ड में हस्ताक्षर अभियान चलाया। तीसरे चरण में एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे।
नवीनीकरण के लिए ये दस्तावेज जरूरी १९८४ में प्रदान की गई मूल पट्टा को निगम कर्मचारी के पास जमा करना होगा। पट्टे की जमीन का २०१४ तक भू-भाटक जमा होना चाहिए। भू-भाटक रसीद नवीनीकरण आवेदन के साथ जमा करना होगा। आधार कार्ड की फोटो कापी। पासपोर्ट साइज के दो कलर फोटोग्राफ। शपथ पत्र/ स्टॉम्प शुल्क। पट्टे जिसके नाम पर है। उसका यदि मृत्यु हो गई है तो वारिसान को उसके निधन प्रमाण पत्र के साथ शपथ पत्र देना होगा। दो या दो से अधिक बेटा-बेटी होने पर परिवार को स्टॉम्प पेपर में सहमति पत्र देना होगा।