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एनसीसी की राष्ट्रीय हॉकी टीम बनाने का जिम्मा सीजी-एमपी को, पढ़ें खबर

locationभिलाईPublished: Apr 09, 2018 12:02:08 am

देश की प्रतिष्ठित हॉकी टूर्नामेंट जवाहरलाल नेहरू अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता में राजनांदगांव के हॉकी खिलाडिय़ों को भी खेलने का अवसर मिल सकता है।

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राजनांदगांव. देश की प्रतिष्ठित हॉकी टूर्नामेंट जवाहरलाल नेहरू अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता में राजनांदगांव के हॉकी खिलाडिय़ों को भी खेलने का अवसर मिल सकता है। सीधे इस टूर्नामेंट के लिए खिलाडिय़ों को एनसीसी के माध्यम से मौका मिलेगा। इसके लिए एनसीसी बटालियन रायपुर के अफसर ने रविवार को यहां बच्चों का ट्रायल भी लिया।
एनसीसी की राष्ट्रीय स्तर की एक टीम हर साल तैयार
दरअसल, इस टूर्नामेंट में एनसीसी की भी एक टीम खेलती है। एनसीसी की राष्ट्रीय स्तर की एक टीम हर साल तैयार होती है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि देशभर की टीम बनाने का जिम्मा मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ डायरेक्टरेट को मिला है। डायरेक्टरेट ने भी इसके लिए एनसीसी की २७ वीं बटालियन रायपुर को टीम बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। अब बटालियन द्वारा टीम तैयार करने की कवायद की जा रही है।
हॉकी खिलाडिय़ों का ट्रायल लिया
२७ वीं बटालियन के कमांडिंग आफिसर कर्नल विकास वर्मा रविवार सुबह यहां पहुंचे और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में हॉकी खिलाडिय़ों का ट्रायल लिया। उनके साथ यहां पहुंचे हॉकी कोच नजीर अहमद ने हॉकी खिलाडिय़ों के खेल को बारीकी से देखा। जानकारी के अनुसार रविवार की ही शाम महासमुंद में और फिर १० अप्रैल को भोपाल में खिलाडिय़ों का ट्रायल लिया जाएगा। भोपाल के ट्रायल के बाद यानि १२ अप्रैल के बाद रायपुर और दुर्ग में ट्रायल लिया जाएगा।
बच्चों को मिल सकता है बड़ा अवसर
सामान्य तौर पर देश की टीम सभी जगहों के बच्चों को शामिल कर बनती है लेकिन दूरदराज के बच्चों के यहां कैम्प में शामिल होने में आने में परेशानी के चलते छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, महासमुंद, दुर्ग और रायपुर क्षेत्र के बच्चों और भोपाल के बच्चों को मिलाकर टीम तैयार की जाएगी। ऐसे में यह तय है कि इन क्षेत्रों के बच्चों को बड़ा अवसर मिल जाए।
शामिल होंगे एनसीसी में

२७ वीं बटालियन के कमांडिंग अफसर कर्नल वर्मा ने बताया कि टीम तैयार हो जाने के बाद इन बच्चों को एनसीसी के ओपन कोटे के तहत सीधे एनसीसी कैडेट का दर्जा दे दिया जाएगा। ये बच्चे जिस भी संस्था में अध्ययनरत हैं, उन संस्थाओं से ही इनको एनसीसी कैडेट बनाकर कैडेट की सारी सुविधाएं दी जाएंगी।
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