शर्मा 15 जुलाई 2020 को प्रधान पाठक पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद उन्हें सत्रांत अर्थात 30 अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सेवा वृद्धि मिल गई। उनकी एक्सटेंसन की अवधि समाप्त हो गई थी, लेकिन 14 जून को जैसे ही सत्र की शुरुआत हुई, शर्मा ने फिर स्कूल आना शुरू कर दिया। संलग्न शाला होने के नाते इस बात को पंडित जवाहर लाल नेहरू हायर सेकंडरी विद्यालय की प्राचार्य प्रीति गुप्ता ने संज्ञान में लिया। उन्होंने पदोन्नत होकर आईं नलिनी साकरे को प्रधान पाठक का पदभार सौंपने भी कहा, मगर शर्मा यह कहकर इंकार करता रहा कि उनको फिर से एक्सटेंसन मिल जाएगा। तब प्राचार्य गुप्ता ने पदोन्नत एचएम साकरे की लिखित शिकायत को जिला शिक्षा अधिकारी पीकेएस बघेल को अग्रेषित किया।
13 अगस्त को एबीसी जे. मनोहरण जिला शिक्षा अधिकारी बघेल के निर्देश पर नलिनी साकरे को पदभार दिलवाने स्कूल पहुंचे। इसकी सूचना शर्मा को पहले से ही दे दी गई थी। बावजूद उन्होंने यह कहकर स्कूल आने से इंकार कर दिया कि एक दिन पहले दुर्घटना में चोटिल हो गए हैं। एक मौका और देते हुए उन्हें 27 अगस्त को बुलवाया गया। उन्होंने पदभार व स्कूल से संबंधित समस्त दस्तावेज सौंपा, लेकिन समग्र शिक्षा के तहत शाासन से मिलने वाली राशि का कैश बुक और बिल वाउचर नहीं दिया।
इसके बाद आर्थिक अनिमितता का शक गहरा गया। पास बुक स्कूल में था जिसमें समग्र शिक्षा के तहत शासन से अनुदान मद में लगभग 50 हजार, इको क्लब में 15,000 और अन्य मद में 1500-1500 रुपए दो बार और एक बार 750 रुपए प्राप्त होने का उल्लेख था, लेकिन खाते में सिर्फ 10,000 रुपए ही शेष जमा था। इसके बाद जांच अधिकारी मनोहरण ने शर्मा से कैश बुक और बिल वाउचर मांगा। उन्होंने ऑडिट के लिए अर्बन रिसोर्स सेंटर (यूआरसी) में ऐसे अधिकारी शरद तिवारी के पास जमा करना बताया जिसकी कोरोना में मौत हो चुकी है। वह दस्तावेज जमा करने के आवक-जावक की पावती भी नहीं दे सका।
समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्राप्त राशि शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष के अनुमोदन पश्चात सचिव (प्रधान पाठक) और कोषाध्यक्ष (स्कूल का एक शिक्षक) दोनों के हस्ताक्षर से ही बैंक से आहरित की जा सकती है। यहां सेवानिवृत्त प्रधान पाठक शर्मा ने अकेले दस्तखत कर राशि निकाल ली। यह भी जांच का विषय है।
पं. जवाहर लाल नेहरू हायर सेकंडरी स्कूल खुर्सीपार प्राचार्य प्रीति गुप्ता ने बताया कि पंकज शर्मा सेवानिवृत्ति के बाद भी स्कूल आ रहे थे। वह पदोन्नत होकर आई एचएम को पदभार नहीं सौंप रहे थे। लिखित शिकायत को मैंने डीईओ को अग्रेषित किया था। जांच में पुष्टि हो चुकी है कि पंकज शर्मा फर्जी हस्ताक्षर कर समग्र शिक्षा मद की की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र पेश करता रहा। मामले की विभागीय जांच चल रही है।
जे. मनोहरण, जांच अधिकारी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर मैं नलिनी साकरे को पदभार दिलवाने गया था। इस संबंध में मैं और कोई जानकारी नहीं दे पाऊंगा। जांच प्रतिविदेन जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपूंगा।