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रिसाली निगम गठन का विवाद: अपनी ही पार्टी के महापौर के खिलाफ पार्षदों ने खोला मोर्चा

locationभिलाईPublished: Jul 13, 2019 04:36:26 pm

Submitted by:

Tara Chand Sinha

भिलाई नगर पालिक निगम क्षेत्र को दो भागों में बांटकर रिसाली नगर निगम गठन का विवाद सियासी गलियारे से लेकर शहर के गली मोहल्ले में चर्चा का विषय बन गया है। लोग भिलाई और प्रस्तावित रिसाली नगर पालिक निगम को कई तरह से आंकलन कर रहे हैं।

भिलाई. नगर निगम भिलाई को टुकड़े में बांटकर रिसाली नगर पालिक निगम के गठन को लेकर जोन-6 पार्षदों ने अपने ही पार्टी के महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रिसाली जोन अध्यक्ष भूपेश ठाकुर के नेतृत्व पार्षदों ने होटल में बैठक की। यह तय किया है जब तक रिसाली को नगर पालिक निगम का प्रस्ताव महापौर परिषद और सामान्य सभा में संकल्प पारित नहीं हो जाता है तब तक भिलाई निगम के किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।
बैठक का बहिष्कार करने वाले भी हुए शामिल
बैठक में महापौर परिषद की बैठक का बहिष्कार करने वाले पार्षद केशव बंछोर और नरेश कोठारी शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस पार्षद राजेन्द्र रजक,चंद्रभान ठाकुर, मोनिका चंद्राकर, ममता बाग, गोविंद चर्तुवेदी शामिल हुए।
निगम गठन का विवाद सियासी गलियारे में चर्चा

भिलाई नगर पालिक निगम क्षेत्र को दो भागों में बांटकर रिसाली नगर निगम गठन का विवाद सियासी गलियारे से लेकर शहर के गली मोहल्ले में चर्चा का विषय बन गया है। लोग भिलाई और प्रस्तावित रिसाली नगर पालिक निगम को कई तरह से आंकलन कर रहे हैं। आम लोग जहां अपनी सुविधाओं को लेकर कयास लगा रहे हैं। राजनीति से जुड़े लोग सियासत से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं नगर पालिक निगम के अधिकारी-कर्मचारी विभाजन से दोनों निगम को होने वाले नफा-नुकसान का आंकलन कर रहे हैं।
निगम का गठन से

– रिसाली को निगम बनने से शासन से विकास के लिए बड़ी राशि मिलेगी। फोकस केवल रिसाली, रुआबांधा, नेवई, जोरातराई और डुंडेरा में होगा।
– चुनाव में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के लोगों को चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा। महापौर रिसाली क्षेत्र से बनेगा।
– वार्डों की संख्या 12 से बढ़कर 40 हो जाएगी। 28 नए वार्ड बनने से 28 और लोगों को चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा। रिसाली जोन क्षेत्र के 12 वार्डों की जनसंख्या 98 हजार है। इतनी जनसंख्या पर भिलाई चरोदा को नगर पालिक निगम बनाया गया है।
– डुंडेरा, जोरातराई और नेवई के लोगों को आयुक्त से मिलने के लिए 15 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करना पड़ेगी।
-निगम बनने पर युवाओं को नौकरी मिलेगी।

विभाजन से भिलाई निगम को
– भिलाई निगम प्रशासन को रिसाली क्षेत्र की जिम्मेदारी से मुक्ति मिलेगी। प्रशासनिक दायरा कम हो जाएगा। क्षेत्रफल बड़ा होने की वजह से मॉनिटरिंग करने में दिक्कत होती है। क्षेत्रफल छोटा होने पर विकास कार्य पर फोकस करेंगे।
– राजस्व कम मिलेगा। बीएसपी, बीआरपी और एनएसपीसीएल प्लांट रिसाली निगम में चला जाएगा। इससे भिलाई निगम के आय के स्रोत कम हो जाएंग
बीएसपी की परेशानी बढ़ेगी
निगम के विभाजन से बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग के अधिकारियों की परेशानी बढ़ जाएगी। दो नगर पालिक निगम प्रशासन से पत्र व्यवहार करना पड़ेगा। टाउनशिप का आधे से अधिक हिस्सा भिलाई निगम क्षेत्र में आएगा। मरोदा, रिसाली और रुआबांधा सेक्टर रिसाली निगम में चला जाएगा।
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