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राजनीति से ऊपर सेवा, कोरोना मरीजों को जान जोखिम में डालकर मुफ्त में खाना पहुंचाने वाला एल्डरमेन

locationभिलाईPublished: Apr 20, 2021 05:08:07 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Coronavirus in Durg: दिन सुबह-शाम सैकड़ों फूड पैकेट लेकर अनुप कोरोना मरीजों के घर के बाहर छोडऩे जाते हैं। खुद की जान की परवाह किए बगैर पीडि़त मानवता की सेवा कर रहे हैं।

राजनीति से ऊपर सेवा, कोरोना मरीजों को जान जोखिम में डालकर मुफ्त में खाना पहुंचाने वाला एल्डरमेन

राजनीति से ऊपर सेवा, कोरोना मरीजों को जान जोखिम में डालकर मुफ्त में खाना पहुंचाने वाला एल्डरमेन

भिलाई. छत्तीसगढ़ में कोरोना (coronavirus in chhattisgarh) की दूसरी लहर कहर बनकर टूट रही है। बढ़ते संक्रमण के साथ ही मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कंटेनमेंट जोन में रहने वाले कोविड (covid-19) मरीज लॉकडाउन के चलते पेटभर भोजन के लिए मोहताज हो गए हैं। संकट की घड़ी में मरीजों की यह पीड़ा इस्पात नगर के अनुप डे से बर्दाश्त नहीं हुई। उन्होंने अपने बचत के पैसों से फूड पैकेट बांटना शुरू कर दिया। अब हर दिन सुबह-शाम सैकड़ों फूड पैकेट लेकर अनुप कोरोना मरीजों के घर के बाहर छोडऩे जाते हैं। खुद की जान की परवाह किए बगैर पीडि़त मानवता की सेवा कर रहे हैं।
राजनीति से ऊपर सेवा, कोरोना मरीजों को जान जोखिम में डालकर मुफ्त में खाना पहुंचाने वाला एल्डरमेन
राजनीति से कहीं ऊपर है सेवा
कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों, मंत्री, नेताओं की निष्क्रियता देखकर एक ओर जहां लोगों का गुस्सा फूट रहा है तो दूसरी ओर रिसाली निगम के एल्डरमेन की दरियादिली देखकर उन्हें दुआएं दे रहे हैं। राजनीति से ऊपर उठकर सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानने वाले अनुप कहते हैं कि कोरोना लोगों की जिंदगी छिन सकता है पर इंसानियत को नहीं मार सकता। बुरे वक्त में अगर हम लोगों के काम नहीं आएंगे तो कौन आएगा, यही सोचकर रोज घर से फूड पैकेट लेकर निकलता हूं।
एक साल पहले हजारों प्रवासी श्रमिकों को बांटा फूड पैकेट
एक साल पहले जब देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था तब लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटने बेबस हो गए थे। उस वक्त भी अनुप ने अपनी टीम के साथ मिलकर नेशनल हाइवे से गुजरने वाले हजारों प्रवासी श्रमिकों को लगभग 15 दिन तक फूड पैकेट बांटा था। अनुप कहते हैं जान की परवाह मुझे भी है लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते लोगों की समय पर मदद करना मेरा पहला कत्र्तव्य है।
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