कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों, मंत्री, नेताओं की निष्क्रियता देखकर एक ओर जहां लोगों का गुस्सा फूट रहा है तो दूसरी ओर रिसाली निगम के एल्डरमेन की दरियादिली देखकर उन्हें दुआएं दे रहे हैं। राजनीति से ऊपर उठकर सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानने वाले अनुप कहते हैं कि कोरोना लोगों की जिंदगी छिन सकता है पर इंसानियत को नहीं मार सकता। बुरे वक्त में अगर हम लोगों के काम नहीं आएंगे तो कौन आएगा, यही सोचकर रोज घर से फूड पैकेट लेकर निकलता हूं।
एक साल पहले जब देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था तब लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटने बेबस हो गए थे। उस वक्त भी अनुप ने अपनी टीम के साथ मिलकर नेशनल हाइवे से गुजरने वाले हजारों प्रवासी श्रमिकों को लगभग 15 दिन तक फूड पैकेट बांटा था। अनुप कहते हैं जान की परवाह मुझे भी है लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते लोगों की समय पर मदद करना मेरा पहला कत्र्तव्य है।