मार्ग की कीचड़ को कम करने पंचायत ने मात्र एक गाड़ी मुरूम डलवाया लेकिन रोलर नहीं चलाया जिससे कीचड़ और बढ़ गया। मुरूम बच्चों के लिए सुविधा के स्थान पर और अधिक खतरनाक हो गया।
पंचायत को ग्राम के विकास के लिए चैदहवें वित्त आयोग से लाखों रुपए मिले। राशि कहां खर्च हुई किसी को पता नहीं। समस्या पुरानी है लेकिन कभी इसके समाधान की दिशा में पंचायत ने ध्यान नहीं दिया।
मार्ग की खराब हालत को देखते हुए ग्राम विकास और शाला प्रबंधन समिति ने पंचायत, जनपद पंचयात एवं शिक्षा विभाग को पत्र लिखा। व्यक्तिगत सम्पर्क किया, स्थिति बताई, चेतावनी भी दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। सरपंच दुखिया बाई साहू से लगातार संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप राय ने कहा कि शाला समिति को पंचायत से चर्चा कर मार्ग में मुरमीकरण के लिए कहा गया था। पंचायत ध्यान नहीं दे रही है। मामले की जानकारी जिला अधिकारियों को दी जाएगी। जाकर स्थिति देखकर जो हल निकल सकता है निकाला जाएगा।
बच्चे स्कूल नहीं आ रहे
हिरेन्द्र कुमार-अध्यक्ष, शाला प्रबंधन समिति ने कहा कि इस संबंध में कई बार पंचायत व संबंधित अधिकारियों का पत्र लिखा गया। किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। बच्चे 31 जुलाई से स्कूल नहीं आ रहे है।
गणेश राम-अध्यक्ष, ग्राम विकास समिति ने बताया कि मैंने व्यक्तिगत रूप से पंचायत में समस्या के स्थाई समाधान के लिए चर्चा की थी। कई बार आवेदन देने के बाद भी समस्या हल नहीं हुई। मजबूरी में पालकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लेना पड़ा।