scriptजिस दलदली सड़क पर लोग चलना पसंद नहीं करते, उस मार्ग से 60 बच्चे रोज जाते हैं स्कूल | Road conditions such that parents stopped sending children to school | Patrika News

जिस दलदली सड़क पर लोग चलना पसंद नहीं करते, उस मार्ग से 60 बच्चे रोज जाते हैं स्कूल

locationभिलाईPublished: Aug 03, 2019 11:52:35 pm

ग्राम पंचायत गंगोरीपार में ऐसा विकास हुआ कि बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया। दलदल भरे मार्ग के कारण बच्चे तीन दिनो से विद्यालय नहीं जा रहे है और जिम्मेदार उदासीन है। गांव में पिछले पांच सालों में करोड़ों के विकास कार्य कराएं गए।

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सड़क की स्थिति ऐसी कि पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजना किया बंद

भिलाई/गुरुर@Patrika. ग्राम पंचायत गंगोरीपार में ऐसा विकास हुआ कि बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया। दलदल भरे मार्ग के कारण बच्चे तीन दिनो से विद्यालय नहीं जा रहे है और जिम्मेदार उदासीन है। (School education news) गांव में पिछले पांच सालों में करोड़ों के विकास कार्य कराएं गए। विकास कार्यों से आत्म मुग्ध पंचायत अपनी पीठ थपथपा रही है, परंतु दुर्भाग्य बच्चों को स्कूल जाने के लिए सुरक्षित मार्ग नहीं दे सकी। (Balod district education officer) नतीजा बच्चे पालक के साथ स्कूल जाने लगे कि कही कीचड़ भरे, गड्ढों वाले मार्ग में बच्चे गिरकर चोटिल न हो जाए। (Balod patrika) कई शिकायती पत्रों को बाद भी कोई सुनवाई नहीं। (School approach road shabby) नाराज पालकों ने बच्चों को विद्यालय भेजना बंद कर दिया। तीन दिन से बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे है। सभी को पता है लेकिन किसी ने आकर वस्तुस्थिति जानने की कोशिश करना भी जरूरी नहीं समझा।
मामला ग्राम पंचायत गंगोरीपार के आश्रित ग्राम तितुरगहन का

पूरा मामला ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम तितुरगहन का है। यहां प्राथमिक शाला में पहली से पांचवीं कक्षा में 59 विद्यार्थी है। तीन शिक्षक हंै। स्कूल ग्राम के अंतिम छोर पर स्थित है। विद्यालय जाने के लिए कच्चा मार्ग है। बरसात में टे्रक्टर चलने से मार्ग में कीचड़ हो गया है। जगह-जगह गड्ढे हो गए है, गड्ढों में पानी भरे होने से बच्चे गिर रहे है। कीचड़ में फिसलन से गिरने का खतरा भी अधिक है। खतरों को देखते हुए पालक बच्चों के साथ विद्यालय जा रहे थे। रोज-रोज की समस्या को देखते हुए बुधवार से पालकों ने बच्चों को विद्यालय भेजना बंद कर दिया।
मुरूम डालकर खानापूर्ति कार्यवाही
मार्ग की कीचड़ को कम करने पंचायत ने मात्र एक गाड़ी मुरूम डलवाया लेकिन रोलर नहीं चलाया जिससे कीचड़ और बढ़ गया। मुरूम बच्चों के लिए सुविधा के स्थान पर और अधिक खतरनाक हो गया।
चौदहवें वित्त आयोग में मिला लाखों रुपए
पंचायत को ग्राम के विकास के लिए चैदहवें वित्त आयोग से लाखों रुपए मिले। राशि कहां खर्च हुई किसी को पता नहीं। समस्या पुरानी है लेकिन कभी इसके समाधान की दिशा में पंचायत ने ध्यान नहीं दिया।
कई आवेदन- नतीजा शून्य
मार्ग की खराब हालत को देखते हुए ग्राम विकास और शाला प्रबंधन समिति ने पंचायत, जनपद पंचयात एवं शिक्षा विभाग को पत्र लिखा। व्यक्तिगत सम्पर्क किया, स्थिति बताई, चेतावनी भी दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। सरपंच दुखिया बाई साहू से लगातार संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
डीईओ को दी जाएगी जानकारी
विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप राय ने कहा कि शाला समिति को पंचायत से चर्चा कर मार्ग में मुरमीकरण के लिए कहा गया था। पंचायत ध्यान नहीं दे रही है। मामले की जानकारी जिला अधिकारियों को दी जाएगी। जाकर स्थिति देखकर जो हल निकल सकता है निकाला जाएगा।

बच्चे स्कूल नहीं आ रहे
हिरेन्द्र कुमार-अध्यक्ष, शाला प्रबंधन समिति ने कहा कि इस संबंध में कई बार पंचायत व संबंधित अधिकारियों का पत्र लिखा गया। किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। बच्चे 31 जुलाई से स्कूल नहीं आ रहे है।
मजबूरन निर्णय लेना पड़ा
गणेश राम-अध्यक्ष, ग्राम विकास समिति ने बताया कि मैंने व्यक्तिगत रूप से पंचायत में समस्या के स्थाई समाधान के लिए चर्चा की थी। कई बार आवेदन देने के बाद भी समस्या हल नहीं हुई। मजबूरी में पालकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लेना पड़ा।
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