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भिलाई

रावघाट रेल परियोजना रोकने सक्रिय हुए नक्सली, फोन पर दी ठेकेदार को धमकी, बीच सड़क पर्चे फेंककर टांगा बैनर

नक्सली रेललाइन के कोसरोंडा के पास मेढकी नदी पर बन रहे सबसे बड़े पुल का निर्माण रोकना चाहते हैं। अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए पुल बनाने वाले भिलाई निवासी ठेकेदार को धमकाया है।

भिलाईFeb 14, 2019 / 11:25 am

Dakshi Sahu

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रावघाट रेल परियोजना रोकने सक्रिय हुए नक्सली, फोन पर दी ठेकेदार को धमकी, बीच सड़क पर्चे फेंककर टांगा बैनर

भिलाई . घोर नक्सली क्षेत्र में देश की सबसे महत्वकांक्षी रावघाट रेल परियोजना का काम रोकने एक बार फिर माओवादी सक्रिय हुए हैं। माना जा रहा है कि नक्सली रेललाइन के कोसरोंडा के पास मेढकी नदी पर बन रहे सबसे बड़े पुल का निर्माण रोकना चाहते हैं। अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए पुल बनाने वाले भिलाई निवासी ठेकेदार को धमकाया है। उन्होंने फोन पर दी धमकी को गंभीरता से लेेने की चेतावनी के साथ अपनी मौजूदगी साबित करने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात बैनर टांग दिए और पर्चे फेंके। यह इलाका एसएसबी के जवानों की निगरानी में है। इस घटना के बाद एसएसबी की पेट्रोलिंग पार्टी चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए है।
फोन करके दी धमकी
जानकारी के अनुसार रावघाट के लिए रेल लाइन बिछाने के काम में कोसरोंडा के पास मेढ़की नदी का पुन निर्माण अटका था। इस काम को अब भिलाई का ठेकेदार कर रहा है। ठेकेदार और उसके मैकेनिक को एक फोन कॉल आया था। अपने को नक्सली बताते हुए उनसे हथियार शिफ्ट करने और दवाएं व वर्दी उपलब्ध कराने को कहा गया। इस बात को उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया, तब दोबारा कॉल आया। इस बार उन्हें बताया गया कि रात को अंतागढ़ और गोंडबोनापाल के बीच स्थित ताराकट्टा गांव में बैनर और पर्चे देख लेना।
बैनर लटका दिया
जब गांव में बोल्डर लगाकर सड़क पर पर्चे रखे गए और बैनर लटका दिया गया। इसकी सूचना मिलते ही अंतागढ़ पुलिस और रावघाट रेललाइन की सुरक्षा में लगी एसएसबी की टीम मौके पर पहुंची। वहां सर्चिंग के बाद पर्चे और बैनर जब्त किए। ताज्जुब की बात यह है कि इन पर्चों और बैनर में कुछ भी नहीं लिखा था। मेढ़की नदी में पुल बनाने का ठेका लेने वाले योगेन्द्र प्रपात पुरानी बस्ती कोहका के रहने वाले हैं। वे केआर इन्फास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स के तहत रेलवे प्रोजक्ट पर अंतागढ़ क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनके पास 11 फरवरी से लगातार तीन दिनों से फोन आ रहा था जिसमें एक व्यक्ति खुद को नक्सली कमांडर होने की बात कह रहा था और उनसे अपने साथियों के लिए पैसे, वर्दी और दवाइयां लाकर देने की बात कही । साथ ही उनके हथियार को एक से दूसरी जगह शिफ्ट करने को कहा।
फोन पर कहा कि पल-पल की खबर मूवमेंट की
हालांकि हथियार किस जगह से कहां ले जाना है यह तो नहीं बताया। पर फोन पर यह धमकी भी जरूर दी कि वे वहां काम करना बंद कर दें, क्योंकि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। मंगलवार शाम को फोन पर खुद को नक्सली कमांडर बताने वाले ने कहा कि उसे मालूम है फोर्स का मूवमेंट कब और कहां रहता है? एसएसबी की पेट्रोलिंग पार्टी पर नजर से लेकर उनके सीओबी में ऑफिसर की मौजूदगी तक की खबर उनके पास है।
हर 10 किलोमीटर में बने बेस कैंप और वहां की हर पल-पल की खबर उन्हें है। इधर एसएसबी के आला अधिकारी नक्सलियों की इस स्ट्रेटजी को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर फोर्स भी अब और सचेत हो गई है। बहरहाल, पुलिस और एसएसबी दोनों ही इसे लेकर काफी गंभीर है कि कहीं नक्सली फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में तो नहीं है।
बताया जा रहा है कि ठेकेदार पुल निर्माण के काम में तेजी लाने फायलर मशीनों को वर्किग एरिया में लेकर जाने वाला है। करोड़ों रुपए की इस मशीन को ले जाने में अब वह हिचक रहा है। फोन पर नक्सलियों ने बैनर-पर्चे की बात पहले ही बता दी थी और ऐसा हुआ भी। इसके चलते ठेकेदार दहशत में है क्योंकि फोन पर उन्हें बताया गया कि उनकी हर हरकत पर माओवादियों की नजर हैै। शरारती तत्वों से जोड़कर देख रही है,लेकिन इस बात को भी स्वीकार कर रही है कि यह माओवादी रणनीति का भी एक हिस्सा हो सकता है।
दल्ली राजहरा से रावघाट तक बनने वाली रेललाइन में कोसरोंडा के पास मौजूद मेढ़की नदी के उपर बनने वाला पूल ही सबसे बड़ा चैलेंज है और इसका काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इसका काम लेने वाले एक ठेकेदार की हत्या के एक साल बाद यहां काम शुरू होने जा रहा है। बता दें कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों ने पहले भी ठेकेदारों की हत्या कर उनकी गाडिय़ां जलाई है। दो साल पहले कोसरोंडा के पास ही पेड़ कटाई के लिए मना करने के बाद भी काम करने वाले ठेकेदार के बेटे की हत्या माओवादियों ने कर दी थी, जिसके बाद उस ठेकेदार ने काम छोड़ दिया था।
वहीं सुकमा में भी प्रधानमंत्री सड़क योजना का काम कर रहे भिलाई नेहरू नगर निवासी एक ठेकेदार की हत्या भी कुछ महीने पहले माओवादियों ने इसलिए कर दी थी, कि ठेकेदार ने उसकी बात नहीं मानी थी। इसके बाद अब दोबारा रेललाइन के लिए ठेका लेने वाले योगेन्द्र प्रपात इन धमकियों से काफी डरे हुए हैं।
सभी जगह कर दिया अलर्ट जारी
डीआईजी एसएसबी वी. विक्रमन ने बताया कि रावघाट रेल प्रोजक्ट पर काम करने वाले ठेकेदार को फोन पर धमकी और अंतागढ़ के पास के गांव में रोड ब्लॉक करने की खबर मिली थी। रावघाट रेलवे प्रोजक्ट की सुरक्षा एसएसबी के जिम्मे हैं, ठेकेदार को पूरी सुरक्षा मिलेगी, साथ ही हमने सभी सीओबी को भी अलर्ट कर दिया है जिससे वे सुरक्षा घेरा और मजबूत कर सकें।
माओवादी हरकत की कर रहे जांच
थाना प्रभारी अंतागढ़ शरद दुबे ने बताया कि ठेकेदार योगेन्द्र प्रपात ने लिखित शिकायत देकर नक्सली के नाम पर आने वाले फोन और धमकी की जानकारी दी है। सुबह ताराकट्टा के पास रोड ब्लॉक करने की खबर मिली थी। फोर्स के साथ पुलिस ने जाकर पर्चा भी जब्त किया है पर उसमें कुछ नहीं लिखा है। इसकी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

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