सहायक अभियंता जैन की गिरफ्तारी का मामला विशेष विकास क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) जमीन घोटाला से है। साडा भंग होने के बाद उन पर अवैध तरीके से दुर्ग के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रहे मुकेश गुप्ता को आवंटित करने का आरोप है।
9 जून 1998 को साडा भंग हुई तब मुकेश गुप्ता दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक थे। साडा के परिषद के सदस्य थे। लक्ष्मण चंद्राकर साडा के अध्यक्ष थे। एसबी सिंह मुख्य कार्यपालक अधिकारी, आरके जैन संपदा/ भवन अनुज्ञा अधिकारी थे। व्यास नारायण शुक्ला मुख्य लिपिक था। चारों पर आरोप है कि साडा कार्यकाल के मोतीलाल नेहरू नगर आवासीय योजना की जमीन को नियम विरूद्ध तरीके से आवंटन किया है।
मोतीलाल नेहरू नगर कॉलोनी जमीन आवंटन के मामले में ही सुपेला पुलिस थाना में कुल चार लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज है। जिसमें निलंबित आइपीएस व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मुकेश गुप्ता, तत्कालीन सीईओ/आयुक्त एसबी सिंह, एई आरके जैन और व्यास नारायण शुक्ला के खिलाफ प्रकरण दर्ज है। आरोपी सहायक अभियंता जैन वर्तमान में नगर निगम दुर्ग के जल कार्य विभाग के प्रभारी अधिकारी हैं। सुपेला थाना में मुकेश गुप्ता के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 471, 201 और 421 के तहत अपराध दर्ज है। बता दें कि इस मामले के आरोपी व्यासनारायण शुक्ला की मौत हो चुकी है। तत्कालीन सीईओ रहे एसबी सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम मध्य प्रदेश गई है।
निलंबित आईपीएस गुप्ता को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर एक हफ्ते की राहत मिली है। सुपेला पुलिस मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार करने दिल्ली गई थी, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। बाद में मुकेश गुप्ता ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में गिरफ्तारी पर रोक को लेकर याचिका लगाई। गुप्ता की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।