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बीएसपी के हर कार्मिक पर 60 लाख का कर्ज

locationभिलाईPublished: Jun 04, 2019 11:39:25 am

Submitted by:

Abdul Salam

सेल का कर्ज सात साल में तीन गुना हो चुका है। अपनी प्रोपर्टी को भी गिरवी रखता जा रहा. इतना ही नहीं एडवांस और लोन भी लिए.

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भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) का कर्ज सात साल के दौरान तीन गुना के करीब पहुंच चुका है। सेल अपनी प्रोपर्टी को भी गिरवी रखता जा रहा है। इतना ही नहीं सेल ने एडवांस और लोन भी लिए हैं। यही वजह है कि सेल को 2016 से 2018 तक घाटा सहना पड़ा। इस नुकसान से निपटने के लिए एक्सपांशन प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उत्पादन क्षमता के मुताबिक मिले, इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ-साथ खर्च में कटौती भी प्रबंधन कर रहा है। सेल का कर्ज हर साल बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में करीब 42,000 करोड़ कर्ज है। इसे सेल के कार्मिकों में बांट दे, तो हर कार्मिक करीब ६० लाख के कर्ज में आ जाए। इसमें बीएसपी के कार्मिक भी शामिल हैं।
लोन और एडवांस भी हो गया दो गुना
सेल ने साल 2014-15 में लोन व एडवांस के तौर पर 7,281.75 करोड़ रुपए लिए थे। 2015-16 में यह बढ़कर 9,809.76 करोड़ हो गया। इसके बात 2016-17 में लोन व एडवांस की राशि 10,074.37 करोड़ तक पहुंच गई। 2017-18 में 12,661.00 करोड़ और पांच साल में यह बढ़कर दो गुना 14,570.85 करोड़ हो चुकी है। एक ओर कर्ज बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर सेल प्रबंधन एडवांस व लोन भी लेता जा रहा है।
बढ़ रहा हर साल बोझ
सेल पर 2012 में कुल ऋण 16,097 करोड़ था। वह 2018 में बढ़कर 42,021.48 करोड़ हो गया है। सेल की जो इकाईयां नुकसान में चल रही है, उनको केंद्र सरकार ने इस वजह से बेचने के लिए पहल किया है। सेल की संपत्ति भी गिरवी में रखी हुई है। ऋण चुकाने के स्थान पर उसमें हर साल इजाफा हो रहा है।
कर्मियों के वेतन पर खर्च हो रही मोटी रकम
सेल के उत्पादन का २३ फीसदी कर्मियों पर खर्च हो जाता है। अंतरराष्ट्रीय मानक में कर्मियों पर उत्पादन का कम से कम 7 फीसदी खर्च करने के लिए कहा गया है। 13 फीसदी से अधिक कर्मियों पर खर्च होने पर उसे अलार्मिंग कंडीशन माना है। निजी कंपनी अपने कर्मियों पर महज 3 से 7 फीसदी तक ही खर्च कर रही है। जिसकी वजह से वह अधिक प्रोफिट में रहती है।
कास्ट कटौती की ओर ध्यान
यही वजह है कि सेल ने खर्च में कटौती करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। संयंत्र के भीतर व बाहर दोनों जगह आउट सोर्सिंग का सहारा लिया जा रहा है। इससे खर्च में कमी आ जाएगी। बीएसपी ने कटौती करते हुए छुट्टी के नकदीकरण को बंद कर दिया। कर्मचारी व अधिकारियों का वेतन समझौता नहीं किया जा रहा है।
सुरक्षित ऋण और असुरक्षित ऋण में अंतर
– सुरक्षित ऋण की लिमिट हमेशा असुरक्षित ऋण से ज्यादा होती है।
– असुरक्षित ऋण जल्दी से मंजूर हो जाता है और सुरक्षित ऋण मंजूर होने में काफी समय लेता है।
– सुरक्षित ऋण में ब्याज दर संपत्ति के कारण कम होती है और असुरक्षित ऋण में ज्यादा।
– असुरक्षित ऋण सस्ते होते है और इसमें ज्यादा रिस्क नही होता है।
– सुरक्षित ऋण में ब्याज दर असुरक्षित ऋण से कम होती है, लेकिन सिक्योर्ड लोन को लेने में बहुत रिस्क होता है।
– उधारकर्ता के लिए सुरक्षित ऋण कम रिस्की होता है क्योंकि सुरक्षित ऋण अनसिक्योर्ड लोन से सस्ते होते है।
– सुरक्षित ऋण संपत्ति के कारण सिक्योर्ड रहते है और असुरक्षित ऋण में क्रेडिट कार्ड व पर्सनल लोन यह सभी आते हैं.
फैक्ट फाइल
कुल मूल्य — मार्च 12-13 — मार्च 13-14 — मार्च 14-15 — मार्च 15-16 — मार्च 16-17 — मार्च 17-18 — मार्च- 18-19
सुरक्षित ऋण — 7,481.91 — ८,746.16 — 11,560.89 — 16,909.55 — 16,134.04 — 18,416.09 — 30,180.65
असुरक्षित ऋण — 8,615.30 — 12,754.41 — 12,705.81 — 11,311.17 — 16,936.53 — 20,484.43 –11,840.83
कुल ऋण — 16,097.21 — 21,500.57 — 24,266.70 — 28,220.72 — 33,070.57 — 38,900.52 — 42,021.48

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