प्रकरण के मुताबिक 20 सितंबर 2012 को बीएसपी कर्मचारी एच के परगनिहा ने 90 हजार रुपए बतौर कर्ज लिया था। कर्ज लेते समय बीएसपी कर्मचारी ने एक पोस्ट डेटेड चेक दिया था। चेक को निर्धारित दिन में खाते में जमा कर राशि आहरण करने की बात तय हुई थी। चेक को जमा करने पर बैंक ने यह कहते हुए बाउंस कर दिया कि चेक जारीकर्ता के खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। इस आशय की सूचना देने के बाद भी अनावेदक ने राशि नहीं लौटाई।
परिवादी ने परिवाद में खुलासा किया था कि एचके परगनिहा अपने बेटे का विवाह करना चाहता था। पुरानी जान पहचान का हवाला देते हुए उसने बतौर कर्ज 90 हजार लिया था। रुपए वापसी के लिए नोटिस तक दिया गया था। नोटिस का जवाब नहीं देने पर परिवाद प्रस्तुत किया गया।