बीएसपी में दादा का नहीं मिला था शव
गणेश राम के पिता शंकर राम बीएसपी के एसएमएस-२ में काम करते थे। 19 मार्च 1983 को वे टेंप्रेचर नाप रहे थे, इस दौरान हॉट मेटल में वे गिर गए, जिसके बाद उनका शव तक नहीं मिला था। तब गणेश राम की उम्र महज १५ साल के आसपात थी। बालिग होने के बाद उसे अनुकंपा में नौकरी दी गई। गणेश राम भी ड्यूटी के दौरान ही गैस हादसे में बुरी तरह से झुलस गया और उसकी जान चली गई।
गणेश राम के पिता शंकर राम बीएसपी के एसएमएस-२ में काम करते थे। 19 मार्च 1983 को वे टेंप्रेचर नाप रहे थे, इस दौरान हॉट मेटल में वे गिर गए, जिसके बाद उनका शव तक नहीं मिला था। तब गणेश राम की उम्र महज १५ साल के आसपात थी। बालिग होने के बाद उसे अनुकंपा में नौकरी दी गई। गणेश राम भी ड्यूटी के दौरान ही गैस हादसे में बुरी तरह से झुलस गया और उसकी जान चली गई।
प्रबंधन परिवार से मिला और सारी सुविधाओं के लिए हुआ तैयार
गणेश राम की बेटियों ने पीएम के नाम खुला पत्र लिखा था। यह पत्र जब सोशल मीडिया में आया, तब कमियों का मन पसीज गया। प्रबंधन भी उनके घर तक आकर हर तरह से मदद करने तैयार हुआ है।
गणेश राम की बेटियों ने पीएम के नाम खुला पत्र लिखा था। यह पत्र जब सोशल मीडिया में आया, तब कमियों का मन पसीज गया। प्रबंधन भी उनके घर तक आकर हर तरह से मदद करने तैयार हुआ है।
किया गया अंतिम संस्कार
पीडि़त परिवार सेक्टर-9 हॉस्पिटल के मारच्यूरी से गणेश राम के शव को दोपहर में लिया और 3 बजे के बाद अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच लोकल गार्डजन आरएन सिंह को प्रबंधन ने बताया कि चारों बच्चों के नाम २५-२५ फीसदी राशि रहेगी।
पीडि़त परिवार सेक्टर-9 हॉस्पिटल के मारच्यूरी से गणेश राम के शव को दोपहर में लिया और 3 बजे के बाद अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच लोकल गार्डजन आरएन सिंह को प्रबंधन ने बताया कि चारों बच्चों के नाम २५-२५ फीसदी राशि रहेगी।
अहमद के घर पहुंचे अधिकारी ने यह कहा
ईएमडी विभाग के अधिकारी ने एसए अहमद के घर पहुंचकर पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि सबसे बेहतर टीम हाथ से निकल गई है। 25 से 30 साल से इस काम को कर रही श्रेष्ठ टीम थी, वह रिक्त स्थान पूरा नहीं होगा।
ईएमडी विभाग के अधिकारी ने एसए अहमद के घर पहुंचकर पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि सबसे बेहतर टीम हाथ से निकल गई है। 25 से 30 साल से इस काम को कर रही श्रेष्ठ टीम थी, वह रिक्त स्थान पूरा नहीं होगा।
साथी कमियों की आंख हुई नम
अहमद के घर पहुंचे साथी कर्मचारी अपने को रोक नहीं पाए और फूट-फूट कर रोने लगे। घर के भीतर व बाहर गम का माहौल था। रामनगर कब्रिस्तान में उनके जनाजे की नमाज भाई ने ही पढ़ाया। इस मौके पर सीटू से डीवीएस रेड्डी, योगेश कुमार सोनी, शेखर, जोगा राव समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे। अहमद सीटू से जुड़े हुए थे।
अहमद के घर पहुंचे साथी कर्मचारी अपने को रोक नहीं पाए और फूट-फूट कर रोने लगे। घर के भीतर व बाहर गम का माहौल था। रामनगर कब्रिस्तान में उनके जनाजे की नमाज भाई ने ही पढ़ाया। इस मौके पर सीटू से डीवीएस रेड्डी, योगेश कुमार सोनी, शेखर, जोगा राव समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे। अहमद सीटू से जुड़े हुए थे।