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मंत्रिमंडल के इस फैसले को सेल के स्वतंत्र निदेशक ने ठहराया गलत, कहा खामियाजा भुगत रहा सेल

locationभिलाईPublished: Mar 21, 2018 03:42:14 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

डिप्लोमा इंजीनियर्स के सम्मानजनक पदनाम की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेल अभी संकट के दौर से गुजर रहा है।

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भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की विभिन्न इकाइयों के एक्सपांशन के नाम पर वर्ष 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने 72 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेकर उसका बंदरबांट कर दिया। बिना पूर्व योजना के विस्तार के नाम पर राशि खर्च कर दी गई। यही वजह है जो उसका जो लाभ मिलना था, वह नहीं मिल पा रहा। इस कर्ज के बदले में 3.5 करोड़ रुपए ब्याज जरूर देना पड़ रहा है। इसके पीछे दोषी यूपीए सरकार का मंत्रिमंडल है, जिसने बिना प्लानिंग के यह कार्य किया।
सेल के स्वतंत्र निदेशक डॉ. समर सिंह ने भिलाई निवास में पत्रवार्ता के दौरान यह बात कही। सेल व उसके संयंत्रों में कार्यरत अधिकारी इस बंदरबाट में शामिल नहीं है, सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अधिकारी पाक साफ हैं। बिना योजना के रुपए कर्ज पर लेने व बीएसपी, बोकारो जैसी तमाम यूनिटों को करोड़ों रुपए बांटने वाली यूपीए सरकार व उसके मंत्रिमंडल के इस फैसले को वे सही नहीं मानते।
कार्मिकों की मेहनत से लाभ में आ गया सेल
उन्होंने कहा कि कार्मिकों की मेहनत से सेल लाभ में आ गया है। दो साल तक घाटे के बाद पिछली तिमाही में ८२ करोड़ का लाभ हुआ है। आने वाले समय में लाभ और बढ़ेगा। डॉ. सिंह ने कहा कि थर्ड पीआरसी ने एफोर्डबिलिटी क्लॉस से पे-रिविजन के निर्धारण के लिए तीन साल का प्रॉफिट बिफोर टैक्स (पीबीटी) को आधार बनाया है। सेल दो साल तक घाटे में रहा है। पिछले तिमाही में ही लाभ हुआ है। आने वाली दो तिमाही में लाभ जारी रहा, तो उस क्लॉज में संशोधन करवाया जाएगा।
बंदरबाट कैसे जवाब नही दे सके निदेशक
डॉ. सिंह ने एक्सपांशन प्रोजेक्ट में तत्कालीन यूपीए सरकार पर बंदरबाट का आरोप लगाया मगर कैसे हुआ इसका जवाब देने के बजाए वे बात को टाल गए। सिंह ने बीएसपी में घट रहे नियमित कर्मचारियों की संख्या से कर्मियों पर बढ़ रहे काम के दबाव के सवाल पर कहा कि टाटा में जहां ३ कर्मचारी काम करते हैं, वहां सेल की यूनिटों में दस कर्मचारी हैं। ऑटोमेशन की वजह से उत्पादन बढ़ रहा है और कर्मचारियों की संख्या घट रही है।
सम्मानजनक पदनाम पर अभी विचार नहीं
डिप्लोमा इंजीनियर्स के सम्मानजनक पदनाम की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेल अभी संकट के दौर से गुजर रहा है। बोर्ड में सम्मानजनक पदनाम का मुद्दा आया था। इस मांग के पक्ष में वे हैं, लेकिन वर्तमान में वैसे हालात नहीं है। स्वतंत्र निदेशक सिंह व बीएसपी के जनसंपर्क अधिकारी विजय मैराल ने कहा कि बीएसपी में एक्सपांशन का काम जब पूरा हो जाएगा, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे देश को समॢपत करने आमंत्रित किया जाएगा।इसके लिए बड़ी तैयारी की जाएगी, अभी उसमें वक्त है।
उत्तर प्रदेश व बिहार में उप चुनाव के नतीजे पर कहा कि राज्य में सरकारें बदलती रहेंगी, लेकिन केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी रहेगी। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की सरकार केंद्र में फिर सत्तासीन होगी। १० साल पहले ही नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए होते, तब आज भारत विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में शीर्ष पर होता। विश्व इस्पात बाजार में गला काट स्पर्धा है। चीन, जापान, जर्मनी, आस्ट्रेलिया स्टील बनाते हैं।
इसके बाद भी सेल ने बेहतर क्वालिटी देकर ग्राहकों में विश्वास कायम किया है। उत्पादन क्षमता के साथ अब गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि जूनियर अधिकारियों से भी उन्होंने चर्चा की। वे रांची की यूनिवर्सिटी में अध्यापक हैं। तकनीकी जानकारी नहीं है, इस वजह से सेल निदेशक के तौर पर उनका काम केवल कार्मिकों को प्रोत्साहित करना है।
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