सेल ने तुरंत 500 इलेक्ट्रिक पोलों के पहले जत्थे को आपदा प्रभावित इलाकों में भेजा है, जो 5 मई की सुबह 3 बजे मौके पर पहुंच चुका है। इसके अलावा और 5000 पोलों को भी प्रभावित इलाकों में सीधे पहुंचाया जा रहा है। सेल ने इस तरह से 15,000 पोलों को समय बद्ध रूप से पहुंचाने का फैसला किया है।
सेल अपने दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के नए मीडियम स्ट्रक्चरल मिल से नियमित उत्पादन को रोककर, इस मिल से केवल डब्लूपीबी-160 के उत्पादन पर फोकस करेगी। ऐसे आपदा की हालात में फिर से बिजली चालू करना पहली प्राथमिकता है। इस स्थिति को देखते हुए सेल देश के सभी हिस्सों से अपने संसाधनों को जुटा रही है। ताकि इलेक्ट्रिक पोलों को प्रभावित इलाकों में जल्द से जल्द पहुंचाया जा सके।
इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाले सेल अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कंपनी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया है। जहां फानी चक्रवात के बाद लगातार बदलते परिदृश्य पर नजर रखी जा सके। इसके मुताबिक सभी जरूरतों को 24 गुना 7 के आधार पर पूरा किया जा सके। सेल अपने सभी संसाधनों के सम्पूर्ण इस्तेमाल के जरिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भुवनेश्वर स्थित सेल के सभी कर्मचारी माल को जल्द पहुंचाने और स्थिति को सामान्य करने में निरंतर जुटे हुए हैं।
खुर्दारोड और पुरी के मध्य मौजूद हर गांव व शहर के लोग इस समय बिजली और पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। बिजली नहीं होने की वजह से पानी की आपूर्ति भी नगर पालिक निगम ने बंद कर दी है। इस स्थिति में लोगों का परेशान होना स्वभाविक है। रेलवे व कालोनी में लगे बिजली के पोल भी इसका शिकार हुए हैं। वापस उनको खड़ा करने में काफी समय लगना तय है।