BSP के 16500 सहित पूरे सेल के करीब 56 हजार कर्मियों का वेतन समझौता 1 जनवरी 2017 से लंबित है। एनजेसीएस की पिछली दो वार्ता में सेल प्रबंधन ने जिस तरह से वेतन समझौते का प्रस्ताव रखा, उससे यूनियनें और कर्मी भड़क गए हैं। पिछली बैठक में तो यूनियन नेता बैठक बीच में ही छोड़कर चल गए। इसके साथ ही सभी संयंत्रों के कर्मियों में सेल प्रबंधन के खिलाफ बेहद गुस्सा है। सभी संयंत्रों में टूल डाउन जैसे हड़ताल से प्रबंधन को चेतावनी भी दे रहे हैं। यहां भिलाई इस्पात संयंत्र में भी युवा कर्मियों ने बिना यूनियन और किसी का झंडा, बैनर थामे यूनिवर्सल रेल मिल और बार एंड राड मिल में 11 घंटे उत्पादन ठप कर दिया था।
एचएमएस से संबंद्ध भिलाई श्रमिक सभा ने तो 13 अप्रैल को एक दिनी हड़ताल का नोटिस भी दे दिया था। हालांकि सेंट्रल लेबर कमिश्रर की समझाइश और कोविड-19 की मौजूदा विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए फिलहाल हड़ताल टाल दी गई है, लेकिन प्रबंधन को सख्त हिदायत दी गई थी कि वेतन समझौता वार्ता टूटना नहीं चाहिए। इसके लिए जल्द तारीख तय करने की हिदायत सीएलसी ने बीएसपी प्रबंधन को दी थी। इसके बाद ही सेल प्रबंधन ने एनजेसीएस नेताओं से रायशुमारी करने का निर्णय लिया है। कोरेाना के दूसरी लहर के बीच बीएसपी कर्मियों की संक्रमण से लगातार मौत को देखते हुए भी कर्मी काफी गुस्से में है। उन्होंने प्रबंधन पर कर्मियों की जान को जोखिम में डालने का आरोप लगाया है।