भिलाई इस्पात संयंत्र ने प्रॉफिट में सेल के तमाम इकाईयों को पछाड़ा है। वहीं पिछले तीन साल में सेल की प्रॉफिट करीब 5400 करोड़ तक पहुंच चुकी है। जिसकी वजह से भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों पर लगा अफोर्डिबिलिटी क्लॉज भी हट गया है। जिससे वित्त वर्ष का परिणाम आते ही उनके चेहरे खिल उठे। कर्मचारी भी अब सुविधाओं की कटौती से मुक्ति पाकर नई सुविधाओं को पाने के लिए तैयार हैं। बीएसपी ने इस वित्त वर्ष में प्रॉफिट में साथी संयंत्रों को पीछे छोड़ दिया है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों व अधिकारियों को सबसे अधिक दिक्कत वेतन समझौता नहीं होने से हो रही थी। सेल प्रॉफिट में आने से यह दिक्कत दूर हो गई है।
सबसे अधिक किया विक्रय
सेल ने वित्त वर्ष 2019-20 में अब तक का सबसे अधिक 142.3 लाख टन विक्रय दर्ज किया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले वित्त वर्ष 2019-20 में निर्यात में 54 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज करते हुए, अब तक का सर्वाधिक 11.8 लाख टन लाख का निर्यात किया है, जो कंपनी की अपने बाजार के विस्तार करने की सुनियोजित रणनीतियों का परिणाम है। सेल ने चीन समेत अन्य देशों को निर्यात किया।
बेहतर तकनीक का इस्तेमाल
कंपनी वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 161.5 लाख टन कच्चे इस्पात उत्पादन के साथ, फिर से सबसे बड़े क्रूड स्टील उत्पादक कंपनी के रूप में उभरी है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 150.83 लाख टन विक्रय इस्पात उत्पादन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। इसी वित्त वर्ष के दौरान कंपनी इस्पात उत्पादन के लिए जरूरी (इनपुट) खनिजों की सबसे अधिक खनन करने वाली कंपनी बनी है। कंपनी ने कुल 324.06 लाख टन लौह अयस्क, फ्लक्स (चूना पत्थर और डोलोमाइट), कोकिंग कोल और गैर-कोकिंग कोयले का खनन किया है। कंपनी ने कुशल संयंत्र प्रचालन के लिए अपने तकनीकी-आर्थिक मानकों को भी बेहतर किया है। सेल ने पिछले साल स्पेसिफिक एनर्जी कंजंप्शन में अब तक का सर्वाधिक वार्षिक सुधार 6.47 गीगा कैलोरी प्रति टन क्रूड स्टील दर्ज किया है, जो 2018-19 के 6.50 गीगा कैलोरी, प्रति टन क्रूड स्टील के मुकाबले बेहतर है। अब तक का सर्वाधिक 1.80 टन, क्यूबिक मीटर, दिन ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता दर्ज किया है, जो 2018-19 के 1.65 टन, क्यूबिक मीटर, दिन के मुकाबले अधिक है।
लगातार दो साल लाभ किया हासिल
सेल के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा सेल इस चुनौतीपूर्ण दौर में भी पिछले लगातार दो वित्तीय वर्षों से लाभ हासिल करना जारी रखे हुए है। सरकार की सहायक नीतियों ने कंपनी के लाभ को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। कंपनी लगातार विक्रय, वैल्यू एडेड व स्पेशल स्टील और नए उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ाने व लागत को अनुकूलतम बनाए रखने के लगातार प्रयासों के जरिए अपने उत्पादन को लगातार बेहतर बनाने में लगी हुई है। सरकार का आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का जोरदार अभियान घरेलू स्टील की खपत को बढ़ाने में मदद करेगा।
सेल ने चौंकाया
सेल ने लगातार तो तिमाही में घाटा के बाद सभी को चौकाते हुए मुनाफा दर्ज किया। सोशल मिडिया में जब सबसे पहले यह परिणाम आया, तो कर्मियों ने इसे फेक न्यूज तक कहा।
पहली तिमाही में रहा लाभ में
सेल वित्त वर्ष २०१९-२० की पहली तिमाही में 68.84 करोड़ शुद्ध लाभ में रहा। इस दौरान बाजार की दशाओं में काफी उतार-चढ़ाव के चलते इस्पात की मांग में कमी के साथ-साथ शुद्ध विक्रय प्राप्ति में गिरावट रही।
दूसरी तिमाही में 342 करोड़ का घाटा
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान 342.84 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया है।
तीसरी तिमाही में हुआ 429 करोड़ का घाटा
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड को वित्त 2019-20 की तीसरी तिमाही में 429.62 करोड़ का नुकसान हुआ। इस तरह से लगातार तो तिमाही में सेल बड़े नुकसान में रहा है। सेल ने उत्पादन में 35 फीसद बढ़ोत्तरी दर्ज की, लेकिन बावजूद इसके घाटे में रहा।