मनोरोगी महिला को उपचार के लिए सेंदरी अस्पताल भेजा गया महिला जब सखी वन स्टाप सेंटर पहुंची तो उसकी हालत बहुत खराब थी। शरीर पर कपड़े भी ठीक से नहीं थे। वन स्टाप सेंटर में सप्ताहभर तक उसकी देखभाल के बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया। हॉलाकि न्यायालय में पेश करने पर भी स्पष्ट नहीं हुआ कि वास्तव में 45 वर्षीय महिला मनोरोगी है। चिकित्सकीय परीक्षण के आधार पर महिला को अंतत: उपचार के लिए सेंदरी अस्पताल भेजा गया।
कुछ दिनों तक जिला अस्पताल में थी
जानकारी के मुताबिक महिला को 108 की मदद से पहले जिला अस्पताल लाया गया। तब वह बीमार थी। इलाज के बाद वह ठीक हो गई। लावारिश होने के बाद जिला अस्पताल प्रशासन ने महिला को सखी वन स्टाप सेंटर में पहुंचा दिया। इसके बाद सखी वन स्टाप सेंटर की मदद से महिला को मनोरग अस्पताल बिलासपुर भेजा गया।
जानकारी के मुताबिक महिला को 108 की मदद से पहले जिला अस्पताल लाया गया। तब वह बीमार थी। इलाज के बाद वह ठीक हो गई। लावारिश होने के बाद जिला अस्पताल प्रशासन ने महिला को सखी वन स्टाप सेंटर में पहुंचा दिया। इसके बाद सखी वन स्टाप सेंटर की मदद से महिला को मनोरग अस्पताल बिलासपुर भेजा गया।
सखी वन स्टाप सेंटर में हिंसा से पीडि़तों को दिया जाता है आश्रय
वैसे तो सखी वन स्टाप सेंटर का उद्देश्य हिंसा से पीडि़त महिलाओं व युवतियों को आश्रय देने का है। साथ ही चिकित्सा सुविधा, विीधक सहायता, मनो चिकित्सा, पुलिस सहायता दिलाना है। सेंटर में अब तक कुल 260 प्रकरण दर्ज कर 2150 में निराकरण किया गया। 32 प्रकरणों में पुलिस की सहायता ली गई। 22 प्रकरणों में चिकित्सा, 16 प्रकरणों में विधिक सहायता, 100 प्रकरणों में अस्थायी आश्रय और 3 को सेंदरी अस्पताल भेजा गया।
वैसे तो सखी वन स्टाप सेंटर का उद्देश्य हिंसा से पीडि़त महिलाओं व युवतियों को आश्रय देने का है। साथ ही चिकित्सा सुविधा, विीधक सहायता, मनो चिकित्सा, पुलिस सहायता दिलाना है। सेंटर में अब तक कुल 260 प्रकरण दर्ज कर 2150 में निराकरण किया गया। 32 प्रकरणों में पुलिस की सहायता ली गई। 22 प्रकरणों में चिकित्सा, 16 प्रकरणों में विधिक सहायता, 100 प्रकरणों में अस्थायी आश्रय और 3 को सेंदरी अस्पताल भेजा गया।