सेक्टर-9 अस्पताल में टीबी का इलाज चल रहा राजनांदगांव जिले के ग्राम हरडुवा निवासी पुरईन वर्मा (57 वर्ष) पति बीआर वर्मा यहां सेक्टर-दो में रहती है। सेक्टर-9 अस्पताल में उसका टीबी का इलाज चल रहा है। वह टीबी वार्ड के बेड नंबर-दो में भर्ती है। दोपहर करीब 12.30 बजे दो व्यक्ति व्हील चेयर लेकर पुरईन के पास पहुंचे। दोनों वार्ड बॉय के ड्रेस में थे। उस समय साथ रहने वाले परिजन आस-पास कहीं गए थे। एक्सरे करवाना है, कहकर पुरईन को व्हील चेयर पर बैठाया और वार्ड से लेकर निकल गए। चिकित्सालय के मुख्य भवन स्थित ए-2 वार्ड के सामने पहुंचे। वहां यह कहकर उनकी चूडिय़ां और सोने का कर्णफूल उतरवा लिया कि एक्सरे के दौरान गहने नहीं पहनते, मशीन में फंस जाएगा।
गहने उतरवाकर अपने पास रख लिए सुरक्षित रखने के नाम पर गहने उतरवाकर अपने पास रख लिए। फिर यह कहकर दानों व्यक्ति वहां से चले गए कि एक्सरे के लिए कपड़ा भी बदलना पड़ेगा। हम लोग लेकर आते हैं, कहकर गए तो फिर दोनों लौटकर नहीं आए। पुरईन अकेले व्हील चेयर पर बैठे उसका इंतजार करती रही। घंटेभर बाद भी जब दोनों में से कोई भी व्यक्ति नहीं आया तो वे व्हील चेयर से उतरकर पैदल वार्ड में पहुंची। उन्हें बाहर से पैदल आते देख ड्यूटी नर्स ने टोका अम्मा वार्ड से बाहर चली गई थी। तब उसने नर्स और पति को पूरी घटना की जानकारी दी। कर्णफूल की कीमत करीब 70 हजार रुपए बताई गई है।
अस्पताल प्रबंधन ने उतरवाए सभी मरीजों के गहने जैसे ही लूट की घटना की जानकारी हुई अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया। सभी भर्ती वार्डों और विभिन्न जांच सेंटरों में सूचना भेजी गई कि मरीज गहने न पहनें। अगर पहने हैं तो तत्काल उतारकर अपने परिजन को दे देंवें। अनजान व्यक्ति के आगमन की तत्काल सूचना देने कहा।
सुरक्षा जवान सामने ही बैठे रहे, स्टाफ नर्स कक्ष में ठग बिना रोक-टोक के वार्ड में व्हील चेयर लेकर पहुंचे और सीधे मेन बिल्डिंग जाने के भीतर के रास्ते से पुरईन को ले गए। उस समय एक सुरक्षा जवान बाहर गेट पर तैनात था और स्टाफ नर्सेंस भी अपने कक्ष में मौजूद थीं। टीबी वार्ड आइसोलेटेड होने के कारण यहां नर्स एक अलग से सुरक्षित कमरे में बैठती हैं। साथ रहने वाले परिजन को भी वार्ड में ज्यादा नहीं रहने की सलाह दी जाती है। इसी का फायदा ठग ने उठाया।
अटेंडेंट और स्टाफ नर्स जिम्मेदारी निभाते तो नहीं आती ऐसी नौबत
अस्पताल में मरीजों को कहीं भी लाने-ले जाने की जवाबदारी अटेडेंट की होती है। यहां सेक्टर-9 में तो सब कुछ मरीज के परिजन को ही करना पड़ता है। कुछ कहो तो नर्स और वार्ड बॉय परिजन को झिड़क देते हैं। इसी का फायदा ठग ने उठाया। इतनी बड़ी ठगी का यह पहला मामला है, लेकिन चोरी तो यहां आम बात है।
अस्पताल में मरीजों को कहीं भी लाने-ले जाने की जवाबदारी अटेडेंट की होती है। यहां सेक्टर-9 में तो सब कुछ मरीज के परिजन को ही करना पड़ता है। कुछ कहो तो नर्स और वार्ड बॉय परिजन को झिड़क देते हैं। इसी का फायदा ठग ने उठाया। इतनी बड़ी ठगी का यह पहला मामला है, लेकिन चोरी तो यहां आम बात है।
प्रबंधन ने नहीं दी पुलिस को सूचना
अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ ठगी का इतना बड़ा मामला होने के बाद भी प्रबंधन ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी है। एएसपी शशिमोहन सिंह का कहना है कि प्रबंधन और न ही पीडि़ता ने थाने में शिकायत की है। अगर रिपोर्ट लिखवाई जाती है तो पुलिस वैधानिक कार्रवाई करेगी।
अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ ठगी का इतना बड़ा मामला होने के बाद भी प्रबंधन ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी है। एएसपी शशिमोहन सिंह का कहना है कि प्रबंधन और न ही पीडि़ता ने थाने में शिकायत की है। अगर रिपोर्ट लिखवाई जाती है तो पुलिस वैधानिक कार्रवाई करेगी।