scriptटी-शर्ट के टुकड़े और पत्नी की फोटो देखकर पहचाना शव को | seeing the 9 dead body, the relatives identified it | Patrika News

टी-शर्ट के टुकड़े और पत्नी की फोटो देखकर पहचाना शव को

locationभिलाईPublished: Oct 10, 2018 11:34:35 pm

कमरे में एक साथ 9 शव देखकर पहले तो चंद मिनट के लिए सभी का कलेजा दहल गया। साथी और रिश्तेदारों ने ढांढस बंधाते हुए साहस बढ़ाया। स्ट्रेचर पर कतार से रखे शव को पारी-पारी से देखते हुए सभी सहमे कदम से आगे बढ़ते जा रहे थे।

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कफन में लिपटे 9 शव को एकसाथ देखकर परिजनों ने ऐसा पहचाना अपनों को

भिलाई. बीएसपी कोक ओवन हादसे में मृत कर्मियों के शव की पहचान करने उनके परिजनों को बुधवार की सुबह 7 बजे सेक्टर-9 हॉस्पिटल के मॉच्र्युरी ले जाया गया। कमरे में एक साथ 9 शव देखकर पहले तो चंद मिनट के लिए सभी का कलेजा दहल गया। साथी और रिश्तेदारों ने ढांढस बंधाते हुए साहस बढ़ाया। स्ट्रेचर पर कतार से रखे शव को पारी-पारी से देखते हुए सभी सहमे कदम से आगे बढ़ते जा रहे थे।
सभी शव का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय

बिलकुल कोयला हो चुके शरीर में जैसे ही अपना होने का कुछ निशान नजर आता चीख, पुकार और दहाड़ से पूरा कमरा गंूज उठता। किसी ने कद, काठी, तो किसी ने खाक हो चुके शरीर पर चिपके कपड़े के टुकड़े से अपनों के शव की पहचान कर ली। इस तरह आठ कर्मियों सैयद अकील अहमद, मलखम प्रसाद, इंद्रमण दुबे, देवनारायण तारण, गणेश राम, संजय कुमार चौधरी, केशव राम ध्रुव और उदय पांडेय के शव की शिनाख्त उनके परिजनों ने कर ली मगर एक शव रह गया। बीएन राजपूत के परिजनों ने कहा कि इन 9 शवों में कौन सा उनका है, वे नहीं पहचान पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन ने किसी भी परिवारजन को शव देने से इनकार कर दिया। आखिर में सभी शव का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय किया गया। अब शव का अवशेष जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर भेजा जाएगा। इससे पहले दुर्ग जिला चिकित्सालय भेजकर सभी शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
शव के अवशेष और परिजन का ब्लड सैंपल का करेंगे मिलान
एएसपी विजय पांडेय ने बताया कि मृत कर्मियों की पहचान को और पुख्ता करने के लिए डी ऑक्सीरूबी न्यूक्लीक एसीड (डीएनए) टेस्ट करा रहे हैं। ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न हो। टीआई स्तर की कमेटी इस माले की विवेचना कर रही है। नौ शवों को अलग-अलग नम्बर दिया। इसकी वैैज्ञानिक पद्धति से पहचान कराई जा रही है। इसके लिए शव का अवशेष और परिजनों के ब्लड सैम्पल को फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) रायपुर भेजा जा रहा है।
शव को सुरक्षित रखने कराई इंबाल्मिंग कराया गया
शव डीकंपोज होने लगे हैं। जब तक डीएनए टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती शवों को सुरद्विात रखना जरूरी है। इसलिए सभी शव की इंबाल्मिंग कराई गई है। इस प्रक्रिया में शव खराब न हो इसके लिए विशेष लेप लगाया जाता है। अब शव को सप्ताह भर फ्रिजर में रखा जा सकता है। इससे शव डी कंपोज नहीं होंगे।
परिजनों ने ऐसे पहचाना शव
सैयद अकील अहमद – जॉकी कंपनी का अंडर वियर पहना था। सेफ्टी बेल्ट बंधे होने के कारण कपड़े का अवशेष रह गया था। परिजन मुस्लिम समुदाय के संस्कार (खतना) से भी उन्हें पहचाना।
संजय चौधरी- टी शर्ट का छोटा सा टुकड़ा गले के पास लटका था।
देवनारायण तारण- पर्स में उसकी पत्नी का फोटो, निर्वाचन कार्ड, आईडी कार्ड और बीएसपी का गेटपास मिला।

डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू
एसएसपी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि एक मृत कर्मी के परिजन शव को नहीं पहचान सके। इसलिए अब डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया है। शव की सही शिनाख्त के लिए यह जांच जरूरी है। डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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