छोटी और बड़ी माता की तकलीफ हो जाती दूर
ऐसी मान्यता है कि इस शीतला मंदिर में जल चढ़ाने से छोटी और बड़ी माता (चिकन पाक्स) की तकलीफ दूर हो जाती है। इससे पीडित लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ देली शीतला पर जल चढ़ाते हैं। @Patrika जल चढ़ाने के बाद चिकन पाक्स की शिकायत दूर हो जाती है।
ऐसी मान्यता है कि इस शीतला मंदिर में जल चढ़ाने से छोटी और बड़ी माता (चिकन पाक्स) की तकलीफ दूर हो जाती है। इससे पीडित लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ देली शीतला पर जल चढ़ाते हैं। @Patrika जल चढ़ाने के बाद चिकन पाक्स की शिकायत दूर हो जाती है।
मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस कुंड की विशेषता और मान्यता है यह कि भीषण गर्मी पडऩे पर भले ही तालाब का पानी सुख जाता हो किंतु कुंड का पानी कभी नहीं सूखता है। ऐसा कई बार हो चुका है।
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना मां सतरुपा शीतला मंदिर प्रदेश का पहला ऐसा देवी मंदिर है, जहां माता के सात रुपों के दर्शन होते है। जिसकी वजह से इस मंदिर से श्रद्धालुओं की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। इस आस्था का आकलन मंदिर में बढ़ती ज्योति कलश स्थापना की संख्या से लगाया जा सकता है। @Patrika समय के साथ मंदिर समिति ने मंदिर के स्वरुप व श्रद्धालुओं के सुविधाओं में वृद्धि की है। जिससे मंदिर अब भव्य आकार ले चुका है। फलस्वरुप चैत्र व शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ से मंदिर में मेला का माहौल निर्मित होता है। मंदिर समिति की योजना तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की है।