पाटन व धमधा विकासखंड के दूरस्थ गांवों के तालाब के सूखकर दायरे में सिमट जाने की शिकायत है। पाटन के खम्हरिया, डंगनिया, खर्रा, गाड़ाडीह, तर्रा, लोहरसी, पाहंदा, दुर्ग के पुरई, पाउवारा धनोरा, खम्हरिया, जेवरा, धमधा के जामुल व अहिवारा से लगे ढौर, अछोटी, गोढ़ी, गिरहोला, पिटौरा, नंदौरी, अहेरी, बागडूमर, भिरेभाट आदि में तालाब सूखने लगे हैं। पानी बहुत कम हो गया है।
जिले के नगरीय निकायों को पेयजल के लिए खरखरा और बीएसपी को तांदुला से पानी दिया जाता है। महमरा एनीकट में पानी की कमी को देखते हुए फिलहाल खरखरा से पानी छोड़ा गया है। वहीं बीएसपी के लिए तांदुला जलाशय का पानी भी मरोदा जलाशय पहुंच गया है।
निस्तारी तालाबों को भरने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह नहरों से तांदुला जलाशय का पानी छोड़ा जाएगा। ग्रामीण इलाकों से आ रही डिमांड को देखते हुए जल संसाधन विभाग द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है। हालांकि कितने दिन के लिए पानी छोड़ा जाएगा यह तांदुला की स्थिति और भविष्य में संभावित संकट को देखते हुए यह फैसला जल उपयोगिता समिति की बैठक में किया जाएगा।
तांदुला जलाशय से
0 दुर्ग जिले के 255 ग्रामों के 600 तालाब
0 बालोद के गुंडरदेही ब्लाक के 9 ग्राम के 20 तालाब
0 बेमेतरा के बेरला ब्लाक के 62 ग्रामों के 114 तालाब
खपरी जलाशय
0 दर्ग जिले के 14 ग्रामों के 43 तालाब
0 गुंडरदेही ब्लाक के 1 ग्राम का 1 तालाब
सुरेश पांडेय ईई, जल संसाधन विभाग ने बताया कि निस्तारी तालाबों को भरने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह पानी छोडऩे पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल बीएसपी और नगरीय निकायों के पेयजल के लिए पानी छोड़ा गया है। जलाशयों में फिलहाल पर्याप्त पानी है, फिर भी मितव्ययता से पानी के इस्तेमाल की जरूरत है। लोगों को इस ओर जागरूकता दिखाना चाहिए।