scriptजल संकट: 400 से ज्यादा तालाब सूखे, धमधा के 59 हैंडपम्पों ने तोड़ा दम, गांवों में अब पेयजल के साथ निस्तारी बनी समस्या | Severe water crisis, hand pump and pond drought in Durg district | Patrika News
भिलाई

जल संकट: 400 से ज्यादा तालाब सूखे, धमधा के 59 हैंडपम्पों ने तोड़ा दम, गांवों में अब पेयजल के साथ निस्तारी बनी समस्या

गर्मी की शुरूआत के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में निस्तारी तालाब सूखने लगे हैं। जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के पास प्रतिदिन ग्रामीण तालाबों के सूखकर दायरे में सिमटने की शिकायत कर रहे हैं।

भिलाईMar 27, 2021 / 12:44 pm

Dakshi Sahu

जल संकट: 400 से ज्यादा तालाब सूखे, धमधा के 59 हैंडपम्पों ने तोड़ा दम, गांवों में अब पेयजल के साथ निस्तारी बनी समस्या

जल संकट: 400 से ज्यादा तालाब सूखे, धमधा के 59 हैंडपम्पों ने तोड़ा दम, गांवों में अब पेयजल के साथ निस्तारी बनी समस्या

दुर्ग. गर्मी की शुरूआत के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में निस्तारी तालाब सूखने लगे हैं। जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के पास प्रतिदिन ग्रामीण तालाबों के सूखकर दायरे में सिमटने की शिकायत कर रहे हैं। हैंडपम्पों के सूखने अथवा धार पतली होने से भी ग्रमीण चिंतित हैं। अफसरों के मुताबिक जिले में अब तक करीब 400 तालाबों के सूखने अथवा सूखने के करीब होने की शिकायत पहुंच चुकी है। वहीं ग्राउंड वाटर लेबल गिरने के कारण धमधा के 59 हैंडपंपों ने दम तोड़ दिया है। जिले के 297 ग्राम पंचायतों व 91 आश्रित गांवों की 7 लाख से अधिक आबादी निस्तारी के लिए 948 तालाबों पर आश्रित है। इनमें से अधिकतर तालाबों को भरने पानी का स्थानीय स्रोत नहीं है। ऐसे में बारिश के बाद कुछ महीनों तक स्थिति ठीक रहती है, लेकिन ग्रीष्म के साथ ही अधिकतर तालाब सूखने लगते हैं। इनमें से करीब तालाबों को प्रत्येक गर्मी से पहले बालोद के तांदुला व जिले के खपरी जलाशय से सिंचाई नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाकर भरा जाता है। इस बार भी ग्रीष्म के प्रारंभ के साथ ही तालाबों में पानी भरने की मांग उठने लगी है।
पाटन-धमधा के तालाब सूखे
पाटन व धमधा विकासखंड के दूरस्थ गांवों के तालाब के सूखकर दायरे में सिमट जाने की शिकायत है। पाटन के खम्हरिया, डंगनिया, खर्रा, गाड़ाडीह, तर्रा, लोहरसी, पाहंदा, दुर्ग के पुरई, पाउवारा धनोरा, खम्हरिया, जेवरा, धमधा के जामुल व अहिवारा से लगे ढौर, अछोटी, गोढ़ी, गिरहोला, पिटौरा, नंदौरी, अहेरी, बागडूमर, भिरेभाट आदि में तालाब सूखने लगे हैं। पानी बहुत कम हो गया है।
बीएसपी व निगमों के लिए छोड़ा पानी
जिले के नगरीय निकायों को पेयजल के लिए खरखरा और बीएसपी को तांदुला से पानी दिया जाता है। महमरा एनीकट में पानी की कमी को देखते हुए फिलहाल खरखरा से पानी छोड़ा गया है। वहीं बीएसपी के लिए तांदुला जलाशय का पानी भी मरोदा जलाशय पहुंच गया है।
अप्रैल से तालाबों के लिए नहर खोलने की तैयारी
निस्तारी तालाबों को भरने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह नहरों से तांदुला जलाशय का पानी छोड़ा जाएगा। ग्रामीण इलाकों से आ रही डिमांड को देखते हुए जल संसाधन विभाग द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है। हालांकि कितने दिन के लिए पानी छोड़ा जाएगा यह तांदुला की स्थिति और भविष्य में संभावित संकट को देखते हुए यह फैसला जल उपयोगिता समिति की बैठक में किया जाएगा।
जलाशयों से इस तरह भरा जाएगा तालाबों को
तांदुला जलाशय से
0 दुर्ग जिले के 255 ग्रामों के 600 तालाब
0 बालोद के गुंडरदेही ब्लाक के 9 ग्राम के 20 तालाब
0 बेमेतरा के बेरला ब्लाक के 62 ग्रामों के 114 तालाब
खपरी जलाशय
0 दर्ग जिले के 14 ग्रामों के 43 तालाब
0 गुंडरदेही ब्लाक के 1 ग्राम का 1 तालाब
किया जा रहा पानी छोडऩे पर विचार
सुरेश पांडेय ईई, जल संसाधन विभाग ने बताया कि निस्तारी तालाबों को भरने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह पानी छोडऩे पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल बीएसपी और नगरीय निकायों के पेयजल के लिए पानी छोड़ा गया है। जलाशयों में फिलहाल पर्याप्त पानी है, फिर भी मितव्ययता से पानी के इस्तेमाल की जरूरत है। लोगों को इस ओर जागरूकता दिखाना चाहिए।

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