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शास्त्री अस्पताल का एक कर्मी नौकरी कर रहा दुर्ग में, तनख्वाह मिल रही यहां से, क्यों न हो घाटा

locationभिलाईPublished: Dec 27, 2020 11:49:43 pm

Submitted by:

Abdul Salam

जीवनदीप समिति को भी रखा जा रहा अंधेरे में .

शास्त्री अस्पताल का एक कर्मी नौकरी कर रहा दुर्ग में, तनख्वाह मिल रही यहां से, क्यों न हो घाटा

शास्त्री अस्पताल का एक कर्मी नौकरी कर रहा दुर्ग में, तनख्वाह मिल रही यहां से, क्यों न हो घाटा

भिलाई. लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल, सुपेला के चीरघर में स्वीपर का काम करने वाले व्यक्ति को दुर्ग चीरघर भेज दिया गया है। वह पिछले ६ माह से वहां काम कर रहा है और वेतन का भुगतान शास्त्री अस्पताल से किया जा रहा है। इसी तरह से चीरघर के लिए रिकार्डकीपर की भी नियुक्ति की गई है, लेकिन उस कर्मचारी का उपयोग वार्ड में किया जा रहा है। अस्पताल का प्रबंधन बेहतर करने की दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है। जिससे अस्पताल में केजुअल्टी शुरू की जा सके और मरीजों के दाखिल होने का क्रम शुरू हो।

जीवनदीप समिति की बैठक में दी गलत जानकारी
शास्त्री अस्पताल प्रबंधन चीरघर में जिन दो कर्मियों की नियुक्ति होने की बात जीवनदीप समिति की बैठक के एजेंडा में कह रहा है, वह दोनों उस जगह पर तैनात नहीं है। एक को शास्त्री अस्पताल में वार्ड ब्वाय के तौर पर शिफ्ट किए हैं तो दूसरे को दुर्ग में भेज दिया गया है। नियम से एक अस्पताल से किसी कर्मचारी को दूसरे जगह भेजा जाता है तो वेतन उस अस्पताल से दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो शास्त्री अस्पताल का बजट हमेशा घाटे में रहेगा।

चीरघर से हो रही आय पर नहीं कर रहे अपडेट
शास्त्री अस्पताल के चीरघर से इस वित्तवर्ष में अब तक फ्रिजर में शव रखने के एवज में ६७,७०० रुपए आय हुआ है। इसके बाद भी यहां की व्यवस्था रायपुर के चीरघर की तरह नहीं की जा रही है। शव को रखने से लेकर पोस्ट मार्टम करने के दौरान जिस तरह से उस पर लाइट का फोकस करना होता है, वह भी यहां नहीं हो पाता। भवन में भी कई जगह दरार आ चुका है।

बारिश में भीतर तक आता है पानी
चीरघर के एक कमरे में शव रखने फ्रिजर रखा गया है, उसकी खिड़की पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। वहां से भीतर बारिश के दौरान पानी तेजी से आता है। इसकी मरम्मत करने की जरूरत है, लेकिन लंबे समय से यह काम नहीं किया जा रहा है। इसी तरह से जहां पीएम करते हैं वहां की भी दीवार में दरार आ चुकी है।

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