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डॉक्टर हैं तो क्या हुआ, हमें नहीं करना कोरोना ड्यूटी, नहीं जाएंगे सैंपल लेने, अडिय़ल रवैया देख CS ने थमाया दो को नोटिस

locationभिलाईPublished: Apr 05, 2020 02:17:30 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

जिला अस्पताल के कई चिकित्सा अधिकारी ड्यूटी करने से बचने के लिए बहानाबाजी कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि ड्यूटी से बचने के लिए कुछ डॉक्टर तो सचिव स्तर के अधिकारी से एप्रोच भी लगा रहे हैं। (Coronavirus in chhattisgarh)

डॉक्टर हैं तो क्या हुआ, हमें नहीं करना कोरोना ड्यूटी, नहीं जाएंगे सैंपल लेने, अडिय़ल रवैया देख सीएस ने थमाया दो को नोटिस

डॉक्टर हैं तो क्या हुआ, हमें नहीं करना कोरोना ड्यूटी, नहीं जाएंगे सैंपल लेने, अडिय़ल रवैया देख सीएस ने थमाया दो को नोटिस

दुर्ग. कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में आपातकाल जैसी स्थिति है। पूरे देश में लॉकडाउन है। इस अवधि में केवल इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया है। ऐसे अपादा के समय में सेवा देने वाले जिला अस्पताल (Durg District hospital) के कई चिकित्सा अधिकारी ड्यूटी करने से बचने के लिए बहानाबाजी कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि ड्यूटी से बचने के लिए कुछ डॉक्टर (Government Doctor) तो सचिव स्तर के अधिकारी से एप्रोच भी लगा रहे हैं। शासन के सख्त आदेश के बाद भी शनिवार को कोरोना के संभावितों क ा डोर टू डोर सैंपल लेने के लिए शनिवार को सिर्फ दो टीम है गई। सैंपल (Corona sample) लेने के लिए चार टीम बनाई गई है। दो टीम के डॉक्टर बिना सूचना के नदारद रहे। तीन घंटे विलंब से तब आए जब सिविल सर्जन ने उनको शासन के आदेश का हवाला दिया और कलेक्टर और स्वास्थ्य संचालनालय को इसकी जानकारी देने की बात कही। सिविल सर्जन ने इसे लापरवाही मानते हुए दोनों डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
तीन घंटे देर से आए
रोटेशन के हिसाब से डॉ. लव पाण्डेय व उपासना पाण्डेय की ड्यूटी लगाई थी। दो एम्बुलेंस में टेक्निशियन व वार्ड ब्वाय किट लेकर डॉकटरों का घंटों इंतजार करते रहे। वे बिना सूचना के नदारद थे। कॉल करने पर जिला अस्पताल के अधिकारियों को दो टूक सुना दिया कि उन्हें कोरोना ड्यूटी नहीं करना है। जानकारी के मुताबिक टीम में चिकित्सकों की उपस्थिति अनिवार्य है। इसके बाद भी डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे। बाद में शासन के आदेश का हवाला देने और कलेक्टर को जानकारी भेजे जाने की बात कहने पर दोनों डॉक्टर आनन फानन जिला अस्पताल पहुंचे और 3 घंटे विलंब से सैंपल कलेक्ट करने रवाना हुए।
डॉक्टरों ने कहा हमारी ड्यूटी जबरदस्ती लगाई
दोनों डॉक्टरों का कहना है कि उनकी ड्यूटी जबरदस्ती लगाई है। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने दोनों डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस थमाया है और टीम के निधारित समय पर रवाना नहीं होने की जानकारी कलेक्टर के माध्यम से संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को भेज दी है।
क्लास वन डॉक्टरों का अपना बहाना
जिला अस्पताल में कैजुअल्टी को 24 घंटे 7 दिन सामान्य दिनों की तरह चालू रखा गया है। वहीं ओपीडी में महिला बाह्य विभाग, सर्जरी, मेडीसीन व आर्थो को चालू रखा गया है। यहां क्लास वन डॉक्टर को नियमित सेवाएं देनी है। स्थिति ऐसी है कि जिला अस्पताल के क्लास वन अधिकारी शासन के आदेश का हवाला देते हुए यह कह रहे हैं कि ओपीडी को आगामी आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। मरीज से अचानक मुलाकात होने पर वे सीधे के जुअल्टी में भेज देते है।
नाम्र्स के हिसाब से किट की व्यवस्था
जिला अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि वे अपने विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों क ी सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहे है। इसके लिए एम्स रायपुर से कोरोना में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा एंव सावधानी, नियमावली विशेषतौर पर मंगाया गया है। एम्स के इस गाइडलाइन में स्पष्ट उल्लेख है कि टीम में किस स्तर का डॉक्टर होगा, वह कौन सा किट पहनेगा अथवा नहीं, सैंपल लेने वाले टेक्निशियन को क्या पहनना है उसे किस तरह का किट उपयोग करना है। सिविल सर्जन ने बताया कि डॉ. बी बाल किशोर ने बताया कि कुछ डॉक्टर ड्यूटी का विरोध कर रहे है। हम रोटेशन के हिसाब से ड्यूटी लगा रहे हैं। एक डॉक्टर पर बोझ नहीं दे रहे हैं। इसके बाद भी लापरवाही करने वालों की सूची हम कलेक्टर के माध्यम से संचालनालय को भेज रहे हैं।
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