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ये हैं कोरोना के साइलेंट वॉरियर, गुमनाम रहकर गरीबों को पिछले एक महीने से पहुंचा रहे राशन

locationभिलाईPublished: May 02, 2020 05:55:42 pm

Submitted by:

Bhuwan Sahu

वैसे तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरतमंदों की सहायता के लिए बहुत से संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं और सेवाभावी लोग मैदान में हैं।

silent corona Warrior is bhilai

ये हैं कोरोना के साइलेंट वॉरियर, गुमनाम रहकर गरीबों को पिछले एक महीने से पहुंचा रहे राशन

भिलाई. वैसे तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरतमंदों की सहायता के लिए बहुत से संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं और सेवाभावी लोग मैदान में हैं। इन्हीं लोगों के बीच जुझारू व समर्पित युवा कार्यकर्ताओं की एक टीम है जो गुमनाम अपनी सुनियोजित तैयारियों, संकल्प व सेवा के जरिए खाद्य सामग्री के पैकेट, मास्क, सेनिटाइजर, दवाइयां एवं अन्य जरूरी सामग्रियां बांटकर गरीबों और हर जरूरतमंदों को राहत पहुंचा रहे हैं। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
इन युवाओं ने कोरोना महासंकट के दौर में जरूरतमंदों को दो समय के भोजन लिए राशन किट देने की व्यवस्था लॉकडाउन के पहले दिन से ही शुरू कर दी थी। यह राशन वितरण पार्षद बशिष्ठ नारायण मिश्रा के नियंत्रण एवं मार्गदर्शन में हो रहा है। इस एक किट में शामिल राशन सामग्रियों की कीमत लगभग 1३00 रुपए है।बशिष्ठ के साथ गोकुल शर्मा, अंजली राय, राजू यादव, विजय नायडू, गुड्डू चौहान, संजय मिश्रा, चंद्रकांत पटेल, रविंद्र सिंह जैसे संवेदनशीलता रखने वाली युवाओं की टीम है जो रोज पैकेट वितरण की जिम्मेदारी लिए हुए हैं।वहीं लोकेश कुमार, भरत, पी. वेेंकटेश्वर राव, नवीन प्रताप सिंह, डी. रुकमांगद, केशव राव, दादू और धर्मेंद्र सिंह जैसी सेवा- भावना रखने वाली टोली जो दिनभर दानदाताओं से मिली अलग-अलग सामग्रियों का पैकेट तैयार करती है।
दानशील और उदारमना लोग दे रहे मुहिम को संबल

बशिष्ठ बताते हैं कि २९ अप्रैल तक लगभग दो हजार राशन पैकट का वितरण किया जा चुका है। उदारमना लोगों के सहयोग से इसे और बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी है। कई संगठन व सेवाभावी लोग व्यक्तिगत रूप से इस मुहिम को संबल प्रदान कर रहे हैं। राशन सामानों की पूर्ति के लिए समाज के दानशील लोग स्वयं संपर्क कर रहे हैं ताकि उनकी दी सामग्री वाजिब जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
एक राशन किट में लगभग १३00 रुपए की सामग्रियां

चावल- 5 किलो, आटा- 3 किलो, तुअर दाल- 2 किलो, पोहा- 2.5 किलो, चना 1 किलो, गुड़ आधा किलो, शक्कर आधा किलो, चायपत्ती 200 ग्राम, सोयाबड़ी आधा किलो, आलू 2 किलो, प्याल 2 किलो, मसाला (हल्दी, धनिया, मिर्च, गर्म मसाला), नमक 1 किलो, तेल 1 लीटर, साबुन, मास्क और सेनिटाइजर।
नामदार नहीं सही मायने में ये हैं कामदार

एक ओर जहां कई तथाकथित समाज सेवी गिनती की वस्तुएं बांटकर सुर्खियों में बने रहने तरह-तरह के उदीम कर रहे हैं, वहीं ये लोग हैं जो दिखावे से दूर रहकर सेवा कार्य कर रहे हैं। इनमें उद्योगपति, ट्रांसपेार्टर्स, व्यवसायी, कांट्रेक्टर, नौकरी- पेशा सभी वर्गों के लोग शामिल हैं। ये वास्तविक जरूरतमंदों तक राशन सामग्री पहुंचाने चुपचाप दान कर रहे हैं। इनमें एटमॉस्को प्राइवेट लिमिटेड के संचालक एस स्वामीनाथन, कोरफेब के विनोद जैन, हैवी ट्रांसपोर्ट कंपनी के इंद्रजीत सिंह (छोटू), शर्मा वेंचर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी के ऑनर निशिकांत शर्मा, छग फ्यूल के वी. वेणु, अग्रवाल कंस्ट्रक्शन के सुदीप अग्रवाल, कुणाल कंस्ट्रक्शन के सम्मी ढिल्लन, व्यवसायी जयदीप सावलानी, नितेश शर्मा, छग चेंबर ऑफ कॉमर्स के अजय भसीन और गार्गी शंकर मिश्रा, जान सिंह और जी सुरेश बाबे शामिल हैं।
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