पदनाम परिवर्तन करने के लिए दृढ़ संकल्पित सीटू के उपाध्यक्ष वेणु गोपाल ने कहा है कि 16 जनवरी 2019 को दिल्ली में हुई सम्मानजनक पदनाम की बैठक में सीटू के अध्यक्ष एसपी डे ने सभी पक्षकारों से पहले दौर का विचार-विमर्श कर बैठक से पहले कर्मियों से चर्चा व विचार विमर्श कर न्यायोचित व सम्मानजनक पदनाम के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शुरूवाती तकनीकी अध्ययन करने के बाद बैठक में शामिल होने दिल्ली गए। कर्मियों के पदनाम परिवर्तन करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
सीटू विरोधी कर रहे हैं सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि यूनियन के तमाम इमानदार प्रयासों के बाद कुछ ऐसे तत्व जो एसीटी और ओसीटी कर्मियों की भावनाओं के साथ लगातार ना केवल खिलवाड़ कर रहे है, बल्कि इस विषय को पेचीदा व राजनीतिक रंग देकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को ज्यादा महत्व देते हुए नए कर्मी साथियों को लगातार गुमराह कर रहे है।
उन्होंने कहा कि यूनियन के तमाम इमानदार प्रयासों के बाद कुछ ऐसे तत्व जो एसीटी और ओसीटी कर्मियों की भावनाओं के साथ लगातार ना केवल खिलवाड़ कर रहे है, बल्कि इस विषय को पेचीदा व राजनीतिक रंग देकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को ज्यादा महत्व देते हुए नए कर्मी साथियों को लगातार गुमराह कर रहे है।
बन रहे हैं रोड़ा
ऐसे कर्मचारी शुरू से ही यूनियन व नए कर्मियों के बीच रोड़ा अटका कर अपनी महत्वाकांक्षा व राजनीतिक रोटी सेकने की कोशिश कर रहे हैं। इनको एनजेसीएस यूनियन व नए कर्मियों की सार्थक पहल अब खटकने लगी है, इसलिए आए दिनों सोशल मीडिया के जरिए यूनियन के जिम्मेदार पदाधिकारियों पर अनर्गल टिप्पणी करते हुए अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं।
ऐसे कर्मचारी शुरू से ही यूनियन व नए कर्मियों के बीच रोड़ा अटका कर अपनी महत्वाकांक्षा व राजनीतिक रोटी सेकने की कोशिश कर रहे हैं। इनको एनजेसीएस यूनियन व नए कर्मियों की सार्थक पहल अब खटकने लगी है, इसलिए आए दिनों सोशल मीडिया के जरिए यूनियन के जिम्मेदार पदाधिकारियों पर अनर्गल टिप्पणी करते हुए अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं।
समाधान नहीं उलझा रहे समस्या को
सम्मानजनक पदनाम के विषय पर एनजेसीएस यूनियन, प्रबंधन व संबंधित पक्षकार समूह समस्या के निदान में पूर्णत: सक्षम है। अनैतिक मनोभावों से जिम्मेदार श्रम संगठनों को बदनाम करने के उद्देश्य से कुछ अराजक तत्व इस विषय पर लगातार अड़ंगा लगा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए श्रमिक यूनियन के जिम्मेदार पदाधिकारियों की बातों को तोड़मरोड़ कर अर्थ का अनर्थ निकालकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
सम्मानजनक पदनाम के विषय पर एनजेसीएस यूनियन, प्रबंधन व संबंधित पक्षकार समूह समस्या के निदान में पूर्णत: सक्षम है। अनैतिक मनोभावों से जिम्मेदार श्रम संगठनों को बदनाम करने के उद्देश्य से कुछ अराजक तत्व इस विषय पर लगातार अड़ंगा लगा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए श्रमिक यूनियन के जिम्मेदार पदाधिकारियों की बातों को तोड़मरोड़ कर अर्थ का अनर्थ निकालकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रबंधन परस्त यूनियने होने लगी बेनकाब
वेणु गोपाल ने कहा कि भिलाई में जितने भी नॉन एनजेसीएस यूनियने हैं, उनमें से अधिकांश यूनियन यह साबित कर चुकी है कि इनको कर्मियों से कोई लेना देना नहीं है, उल्टा इनका काम प्रबंधन के साथ बैठकर चाय पीना और एनजीसीएस यूनियनों के खिलाफ बयानबाजी करना है। पिछले दिनों 8 और 9 जनवरी को देशभर में हुए औद्योगिक हड़ताल में जहां एक तरफ 20 करोड़ से ज्यादा मजदूरों ने भाग लिया व किसानों ने उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। वहीं इन स्थानीय यूनियनों ने प्रबंधन परस्त बयान देकर अपनी असलियत को कर्मियों के बीच उजागर कर दिया।
वेणु गोपाल ने कहा कि भिलाई में जितने भी नॉन एनजेसीएस यूनियने हैं, उनमें से अधिकांश यूनियन यह साबित कर चुकी है कि इनको कर्मियों से कोई लेना देना नहीं है, उल्टा इनका काम प्रबंधन के साथ बैठकर चाय पीना और एनजीसीएस यूनियनों के खिलाफ बयानबाजी करना है। पिछले दिनों 8 और 9 जनवरी को देशभर में हुए औद्योगिक हड़ताल में जहां एक तरफ 20 करोड़ से ज्यादा मजदूरों ने भाग लिया व किसानों ने उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। वहीं इन स्थानीय यूनियनों ने प्रबंधन परस्त बयान देकर अपनी असलियत को कर्मियों के बीच उजागर कर दिया।