स्पेशल ट्रेनड डॉग्स की यह है खूबियां
बेल्जियम शेफर्ड
ये डॉग किसी भी आपातकालीन स्थिति में अटैक करने की क्षमता रखते हैं। ये फुर्तिले होते हैं। थकते नहीं हैं। वजन 25 किलो होता है
खासियत – वारदात स्थल पर जाकर पता लगाता है कि वारदात को अंजाम देने वाला कहां और किस रास्ते से गया है। उसे पकडऩे में भी मदद करता है। पानी में भी इसकी सूंघने की क्षमता होती है।
डॉबरमैन पिंचर एक बड़ी वर्किंग ब्रीड है। वजन 28 से 30 किलो होता है। यह थोड़े डरावने दिखते हैं, आसानी से घुल-मिल जाते हैं और ट्रेनिंग में भी अच्छी तरह रिस्पांस करते हैं।
खासियत – सूंघने की क्षमता आदमी से कई गुना ज्यादा होती है। यह चोरी, लूट और हत्या की घटना को सूंघकर वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी का पीछा करता है।
यह एक तरह का शिकारी डॉग है। इसका वजन करीब 30 किलो होता है। यह सूंघने का ही काम करता है। अपराधियों द्वारा छुपाए गए सामान तक पहुंचता है।
खासियत – सूंघने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। जमीन के अंदर छुपाए गए विस्फोटक के बारे में पता लगा लेता है। यह जमीन में नाक रगड़ते हुए सूंघने का काम करता है।
यह क्राइम को साल्व करने में पुलिस की बड़ी मदद करता है। यह आपराधी के पद चिन्हों
को सूंघकर उसका पता लगा लेता है। इनकी डाइट का रखा जाता है खास ध्यान
हेड ट्रेनर एसआइ सुरेश सिंह ने बताया कि डॉग्स की डाइट पर विशेष ध्यान दिया जाता है। भोजन में 400 ग्राम मटन, 200 ग्राम चावल और तीन पाव दूध दिया जाता है। यही डाइट शाम को भी होती है। इसके साथ कैल्शियम के कैप्शूल भी दिए जाते है। उनके लिए आलीशान किचन है। कुकर और गंज में भोजन पकाया जाता है जो हमेशा साफ-सुथरा रहता है।
राज्य में पहली बार प्रशिक्षित डॉग की ब्रीडिंग करा रहे है। ट्रैंड होकर बेल्जियम शेफर्ड ब्रीड के डॉग ट्रेकिंग के लिए तैयार हो जाएंगे। ट्रेनर हवलदार कामता चंद्राकर ने बताया कि एक लैब्राडोर और तीन बेल्जियम शेफर्ड को क्रास कराया गया। शासन बेल्जियम शेफर्ड डॉग को खरीने के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ करीब 60 हजार रुपए खर्च करता है। लैब्राडोर 30 हजार और डॉबर शेफर्ड 30 हजार रुपए खर्च करने पड़ते। लेकिन ब्रीडिंग से यह राशि अब शासन की बचेगी।
27 डॉग्स – चोरी, हत्या, लूट जैसे अपराध के लिए काम करते हैं
48 डॉग्स – विस्फोटक (बम) पदार्थ खोजने में काम करते है। स्वीमिंग पुल और पब बनाने की तैयारी
पुलिस मुख्यालय ने डॉग स्कवाड को अत्याधुनिक बनाने 5 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। जिसमें स्वीमिंग पूल और पब बनाए जाएंगे। छोटे डॉग्स के लिए एअर कंडिशनर रूम की व्यवस्था की जाएगी। पब्स के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। कमांडेंट 7 वीं बटालियन भिलाई विजय अग्रवाल ने बताया कि ट्रेनिंग के साथ ही चार डॉग्स की ब्रीडिंग कराई गई है। रिफ्रेस कोर्स में विभिन्न जिले से डॉग्स शामिल हुए। ट्रेनिंग के बाद उनकी परीक्षा ली गई। ट्रेनर की भी परीक्षा ली गई है। ये डॉग्स अब अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सेवा देने में सक्षम हैं।