मातहत को लगा रहे फटकार
जिला के कोरोना से जुड़े उक्त अधिकारी ने अधिकारी और कर्मियों को एक छोटे से जगह का उदाहरण देकर फटकार लगाया। अधिकारी बार-बार बताते रहे कि उक्त क्षेत्र एक वार्ड के बराबर है। वहां की तुलना दुर्ग से करना ठीक नहीं। तब भी अधिकारी में बदलाव नहीं आ रहा है। इसके बाद जब कर्मियों के घर और परिवार में गमी का सूचना मिला तो उनको छुट्टी देने से मना करने लगे। यह बात कर्मियों व अधिकारियों को खल गई। कोरोना से संबंधित काम करने वाले को पहले ही सालभर से बिना अवकाश के काम करवाया जा रहा है। इस बीच जब उनके परिवार के किसी सदस्य के दुनिया से चले जाने की सूचना मिली तो उस वक्त भी उनसे बेहतर व्यवहार नहीं किया गया। यह सारी बातें स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों व अधिकारियों को खल गई है।
ग्रूप से हुए लेफ्ट
जिला की कोरोना से जुड़े उक्त अधिकारी ने वाट्सएप में एक ग्रुप बना रखा है। वह सीधे कर्मियों को फोन पर पहले ही फटकार लगा कर अपने को श्रेष्ठ साबित करने में जुटे रहे। इसके बाद वाट्सएप ग्रुप में भी मातहतों को अपमानित करना शुरू कर दिया। इससे जमीन पर ट्रेसिंग, दवा वितरण, वैक्सीनेशन, होम आइसोलेशन समेत अन्य काम से जुड़े चिकित्सक और कर्मचारी नाराज हो गए। वे एक-एक कर उनके वाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट होने लगे। इसके बाद भी अधिकारी के व्यवहार में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है।
यूनियन के पास की जा रही लिखित शिकायत
पूरे मामले में उक्त जिला में कोरोना से जुड़े अधिकारी के खिलाफ अब लिखित शिकायत की तैयारी की जा रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग इस मामले में लिखित शिकायत यूनियन को सौंपकर इस मामले में कार्रवाई की मांग करने जा रहे हैं। जिससे उक्त अधिकारी से उन्हें छुटकारा मिले। यूनियन से मांग की जा रही है कि मुख्यमंत्री Chief Minister Bhupesh Baghel से उक्त अधिकारी को हटाने के लिए पत्र लिखा जाए। जिससे स्वास्थ्य विभाग में जो काम कर रहे हैं, उनके साथ बेहतर व्यवहार करने वाले को जिम्मेदारी मिले।