आत्मनिर्भर होंगे इससे आने वाले समय में फेरो अलॉय की और अधिक जरूरत होगी। इसके लिए सीएफपी को अपनी भूमिका निभाने के लिए अभी से तैयार रहने की जरूरत है। उत्पादन में लगने वाली सामग्री और संसाधनों के मामले में जितना अधिक आत्मनिर्भर होंगे, उतना ही अधिक मजबूती से अपने बाजार का विस्तार कर पाएंगे।
दो तिहाई फेरो अलॉए का दो तिहाई का घरेलू रूप में उत्पादन करने पर जोर
उन्होंने कर्मियों से कहा कि यह समय इस्पात उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ इस्पात उत्पादन में लगने वाले इनपुट के उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनने का है। सीएफपी, सेल के इस्पात उत्पादन के लिए मैंगनीज आधारित फेरो अलॉय की जरूरत का करीब ४० फीसदी उत्पादन करता है। वर्तमान में जरूरत फेरो अलॉय उत्पादन की निर्धारित क्षमता को वास्तविक उत्पादन में बदलने की है। इससे सेल के कुल फेरो अलॉय की जरूरत का करीब दो तिहाई आंतरिक रूप से पूरा कर पाएंगे, जो न केवल रणनीतिक रूप से अहम होगा। बल्कि इससे लागत को भी नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।
उन्होंने कर्मियों से कहा कि यह समय इस्पात उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ इस्पात उत्पादन में लगने वाले इनपुट के उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनने का है। सीएफपी, सेल के इस्पात उत्पादन के लिए मैंगनीज आधारित फेरो अलॉय की जरूरत का करीब ४० फीसदी उत्पादन करता है। वर्तमान में जरूरत फेरो अलॉय उत्पादन की निर्धारित क्षमता को वास्तविक उत्पादन में बदलने की है। इससे सेल के कुल फेरो अलॉय की जरूरत का करीब दो तिहाई आंतरिक रूप से पूरा कर पाएंगे, जो न केवल रणनीतिक रूप से अहम होगा। बल्कि इससे लागत को भी नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा संयंत्र
सेल का चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र देश का सबसे बड़े फेरो अलॉय उत्पादक है और साथ ही अकेली सार्वजनिक कंपनी भी है। इस संयंत्र की हाई कार्बन फेरो मैंगनीज की स्थापित क्षमता 1,90,000 टन प्रतिवर्ष है या सिलिको मैंगनीज की स्थापित उत्पादन क्षमता 1,30,000 टन प्रतिवर्ष है।
सेल का चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र देश का सबसे बड़े फेरो अलॉय उत्पादक है और साथ ही अकेली सार्वजनिक कंपनी भी है। इस संयंत्र की हाई कार्बन फेरो मैंगनीज की स्थापित क्षमता 1,90,000 टन प्रतिवर्ष है या सिलिको मैंगनीज की स्थापित उत्पादन क्षमता 1,30,000 टन प्रतिवर्ष है।
तीन तरह के फेरो अलॉय का उत्पादन सीएफपी तीन तरह के फेरो अलॉय हाई कार्बन फेरो मैंगनीज, सिलिको मैंगनीज और मीडियम कार्बन फेरो मैगनीज का उत्पादन करता है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रोस्मेल्ट लिमिटेड के नाम की इस कंपनी का सेल में विलय जुलाई 2011 में हुआ और तब से यह सेल की फेरो अलॉय की आंतरिक जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस मौके पर सेल के निदेशक तकनीकी हरिनन्द रॉय, भिलाई संयंत्र के सीईओ एके रथ भी मौजूद थे।