भिलाई

बायलर मरम्मत के बाद शक्कर कारखाना में गन्ना पेराई शुरू : Video

जिले के एकमात्र सहकारी दन्तेश्वरी मैया शक्कर कारखाना में आखिरकार गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। पेराई शुरू होने से किसानों के साथ-साथ अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।

भिलाईJan 12, 2019 / 09:28 pm

Satya Narayan Shukla

बायलर मरम्मत के बाद शक्कर कारखाना में गन्ना पेराई शुरू : Video

बालोद@Patrika. जिले के एकमात्र सहकारी दन्तेश्वरी मैया शक्कर कारखाना में आखिरकार गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। पेराई शुरू होने से किसानों के साथ-साथ अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।
बता दें कि बीते चार दिनों से शक्कर कारखाने में तकनीकी खराबी और मरम्मत के कारण पेराई बंद हो गया था। मरम्मत के बाद शनिवार से शक्कर कारखाने में गन्ना पेराई शुरू हो गई है। @Patrika.शनिवार को सुबह से ही गन्ने की पेराई जारी रही। कारखाना प्रबंधन का कहना है कि अब कारखाने को पूरी तरह ठीक कर लिया गया है। कारखाना लगातार चलेगा।
1100 मीट्रिक टन गन्ने की हुई पेराई
कारखाने के बाहर लगभग 400 गाड़ी खड़ी हुई है। कारखाना प्रबंधन की ओर से कारखाना परिसर में ही गन्ने को डम्प कराया जा रहा है। शनिवार को कारखाने में लगभग 1100 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई हुई। @Patrika.कारखाने में पेराई की क्षमता प्रतिदिन 1250 मीट्रिक टन की है। अभी बतौर सावधानी पेराई कम की जा रही है। धीरे धीरे गन्ना पेराई की मात्रा बढ़ाई जाएगी।
 

बायलर की देखरेख में लगे रहे कर्मचारी
सप्ताहभर से बंद शक्कर कारखाना का मुख्य उपकरण बायलर की मरम्मत के बाद सतत निगरानी में कर्मचारी लगे हुए हैं। अब यदि कोई फाल्ट आता है (जिसकी संभावना कम है) तो उसे तत्काल सुधारा जाएगा।
नया टोकन बांटना शुरू
अब कारखाना शुरू होने के बाद किसानों को नए टोकन बांटे जा रहे है। अब किसान नए टोकन के साथ घन्ना लेकर कारखाने पहुंचेंगे। @Patrika.कारखाना प्रबंधन ने बताया कि वर्तमान में एक सप्ताह तक के लिए गन्ना पर्याप्त और डम्प है। वहीं कारखाने के बाहर सड़क पर गन्ने से भरी गाडिय़ां खड़ी हुई हंै।
मेंटेनेंस में खर्च आया एक करोड़
कारखाना प्रबंधक के मुताबिक बीते छह महीने चले शक्कर कारखाने के मेंटेनेंस में लगभग एक करोड का खर्च आया है। इस बार सबसे ज्यादा ध्यान कारखाने के मुख्य उपकरण बायलर मशीन पर दिया गया है। @Patrika. पिछले साल गन्ना पेराई सत्र में लगभग सात से ज्यादा बार बायलर में खराबी आई थी। इसी के चलते बार-बार कारखाने को बन्द करना पड़ा। इसबार यह नौबत ना आएं इसलिए कारखाने में सिर्फ बायलर मशीन पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।
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