कैदी राजेंद्र की मौत को संदिग्ध मानते हुए परिजन ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया। दोपहर करीब ढाई बजे परिजन जिला अस्पताल की मॉरचुरी से लौट गए। आखिर में जेल अधिकारियों ने उनको समझाया तब जाकर परिजन शाम ४ बजे मॉरचुरी पहुंचे। राजेंद्र का शव उसके गृह ग्राम ले जाया गया। इससे पहले उसका पोस्टमार्टम कराया गया। सर्जन डॉ. सरिजा मिंज और डॉ. बीएम देवांगन ने पोस्टमॉर्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
बेटा-भांजा पहुंचे जेल, घटनास्थल देखा, कहा- गिरने से 20 सेमी का जख्म कैसे
पंचनामा के लिए राजेंद्र का बेटा धनेंद्र देवांगन और भांजपा दिनेश देवांगन केंद्रीय जेल पहुंचे। घटनास्थल को देखने के बाद इन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रबंधन मौत की वजह को छुपा रहा है। सीढ़ी से गिरने से सिर में २० सेंटीमीटर से अधिक का जख्म कैसे हो गया? जख्म एेसा है कि उसपर से चमड़ी तक गायब है। हाथ का पंजा तक उस जख्म में हथेली तक समा जाए। उसे देखकर एेसा लगता है कि सिर पर किसी धारदार चीज से वार किया गया है।
पंचनामा के लिए राजेंद्र का बेटा धनेंद्र देवांगन और भांजपा दिनेश देवांगन केंद्रीय जेल पहुंचे। घटनास्थल को देखने के बाद इन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रबंधन मौत की वजह को छुपा रहा है। सीढ़ी से गिरने से सिर में २० सेंटीमीटर से अधिक का जख्म कैसे हो गया? जख्म एेसा है कि उसपर से चमड़ी तक गायब है। हाथ का पंजा तक उस जख्म में हथेली तक समा जाए। उसे देखकर एेसा लगता है कि सिर पर किसी धारदार चीज से वार किया गया है।
सुबह 5 बजे किया था निरीक्षण, फिर बैरक खोले गए, तभी गिरा
जेल प्रबंधन का कहना है कि राजेंद्र के सिर की चोट के बारे में क्यूरी की है। घटना जेल की नई बिल्डिंग में हुई है। जेल मैनुअल के हिसाब से सुबह ५ बजे बैरक का निरीक्षण किया गया। इसके बाद बैरक के दरवाजा खोले गए। कयास लगाया जा रहा है कि दरवाजा खोलकर सीढ़ी से उतरते समय राजेंद्र का पैर फिसल गया होगा और वह नीचे गिर गया। इस दौरान उसका सिर सीढ़ी के कोने से टकरा गया होगा।
जेल प्रबंधन का कहना है कि राजेंद्र के सिर की चोट के बारे में क्यूरी की है। घटना जेल की नई बिल्डिंग में हुई है। जेल मैनुअल के हिसाब से सुबह ५ बजे बैरक का निरीक्षण किया गया। इसके बाद बैरक के दरवाजा खोले गए। कयास लगाया जा रहा है कि दरवाजा खोलकर सीढ़ी से उतरते समय राजेंद्र का पैर फिसल गया होगा और वह नीचे गिर गया। इस दौरान उसका सिर सीढ़ी के कोने से टकरा गया होगा।
देर शाम तक जांच का आदेश नहीं
जेल में किसी तरह की घटना या बंदी, कैदी की मौत होने पर दण्डाधिकारी जांच का प्रवधान है। बिन्दु निर्धारित कर जांच कराई जाती है। पंचनामा कार्रवाही में नायब तहसीलदार अवश्य उपस्थित थे, लेकिन डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट ने समाचार के लिखे जाने तक किसी तरह की जांच का आदेश नहीं दिया था।
जेल में किसी तरह की घटना या बंदी, कैदी की मौत होने पर दण्डाधिकारी जांच का प्रवधान है। बिन्दु निर्धारित कर जांच कराई जाती है। पंचनामा कार्रवाही में नायब तहसीलदार अवश्य उपस्थित थे, लेकिन डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट ने समाचार के लिखे जाने तक किसी तरह की जांच का आदेश नहीं दिया था।
कैदी की मृत्यु गिरने की वजह से हुई सुबह 4 बजे मंै जेल का निरीक्षण करने गया था। वापस आने के बाद मुझे घटना की जानकारी हुई। मैने घटना स्थल का निरीक्षण किया।सिर पर आए चोट के बारे में डॉक्टर से क्यूरी की है। कैदी की मृत्यु गिरने की वजह से हुई है। सिर पर चोट सीढ़ी से गिरने की वजह से आई है।
योगेश क्षत्रिय, जेल अधीक्षक
योगेश क्षत्रिय, जेल अधीक्षक
सिर पर चोट के निशान मर्ग सूचना के बाद हम जेल पहुंचे। परिजनों की उपस्थिति में पंचनामा किया गया। मॉरच्युरी में भी परिवार के सदस्यों का बयान लिया गया। सिर पर चोट के निशान है। इस संबंध में पोस्टमार्टम रिपोर्टआने के बाद ही कुछ कह पाउंगा। इस प्रकरण में मजिस्ट्रेट जांच होनी है।
हरप्रसाद पाण्डेय, चौकी प्रभारी पद्मनाभपुर
हरप्रसाद पाण्डेय, चौकी प्रभारी पद्मनाभपुर