scriptभिलाई स्टील प्लांट में सीनियर टेक्नीशियन की संदिग्ध मौत, मृतक के शरीर पर चोट के निशान, परिजनों ने शव लेने किया इनकार | Suspicious death of senior technician in Bhilai Steel Plant | Patrika News

भिलाई स्टील प्लांट में सीनियर टेक्नीशियन की संदिग्ध मौत, मृतक के शरीर पर चोट के निशान, परिजनों ने शव लेने किया इनकार

locationभिलाईPublished: Oct 20, 2021 01:16:31 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Bhilai Steel Plant: वरूण सोमवार को प्रथम पाली में ड्यूटी पर था। वह पहले स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) के लेडल-वे के पिट नंबर 2 में रखे हुए लेडल नंबर 8 की रिलाइनिंग कार्य का सुपरविजन कर रहा था।

भिलाई स्टील प्लांट में सीनियर टेक्नीशियन की संदिग्ध मौत, मृतक के शरीर पर चोट के निशान, परिजनों ने शव लेने किया इनकार

भिलाई स्टील प्लांट में सीनियर टेक्नीशियन की संदिग्ध मौत, मृतक के शरीर पर चोट के निशान, परिजनों ने शव लेने किया इनकार

भिलाई. भिलाई स्टील प्लांट में सोमवार को ड्यूटी के दौरान मृत मिले रिफैक्ट्री इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (आरईडी) के सीनियर टेक्नीशियन वरूण कुमार (54 वर्ष) का मंगलवार को अंतिम संस्कार नहीं हो सका। परिजन इसे घटना नहीं बल्कि दुर्घटना और शरीर पर घाव के निशान और खून निकलना भी बता रहे हैं। उन्होंने मृतक का शव लेने से साफ मन ने कर दिया। इधर आरईडी विभाग प्रमुख अरुण कुमार मिश्रा के कथित बुरे बर्ताव को लेकर परिजन और यूनियन नेताओं में खासी नाराजगी है। बाद में प्रबंधन ने इंजुरी फॉर्म भरा।
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ड्यूटी के दौरान मुंह के बल गिरा हुआ था
वरूण सोमवार को प्रथम पाली में ड्यूटी पर था। वह पहले स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) के लेडल-वे के पिट नंबर 2 में रखे हुए लेडल नंबर 8 की रिलाइनिंग कार्य का सुपरविजन कर रहा था। सहकर्मियों ने देखा कि वह मुंह के बल गिरा पड़ा हुआ है। उसे मेन मेडिकल पोस्ट ले गया, वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को लोकतांत्रिक इस्पात एवं इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन के राजेंद्र परगनिया, सुरेंद्र मोहंती, अभिषेक यादव और मृतक वरुण के परिजन उनके विभाग प्रमुख अरुण कुमार मिश्रा से मुलाकात करने गए।
मैं बोकारो से आया हंू, वहां और यहां के कल्चर में फर्क है
यूनियन नेताओं ने इंजुरी फॉर्म भरने और घटना की जानकारी ली। मिश्रा ने बताया की इंजुरी फॉर्म भरने की कार्रवाई चल रही है। उन्होंने फॉर्म दिखाने से मना कर दिया। इसे दुर्घटना न मानकर एक घटना होना बताया। इस पर प्रतिनिधियों ने प्रबंधन की मंशा पर सवाल उठाया। परगनिया ने बताया कि मिश्रा तंज कसते हुए कहने लगा कि मैं बोकारो से आया हंू। वहां और यहां के कल्चर में फर्क है।
शिफ्ट इंचार्ज को सच्चाई बताने से रोका
परगनिया ने बताया कि शिफ्ट इंचार्ज प्रदीप धुरंधर ने सच्चाई बताना चाहा तो मिश्रा उन्हें डांटने लगे। यहां तक कह दिया कि लगता है तुम कल ड्यूटी पर नहीं थे? इतना ही नहीं उनका मोबाइल अपने हाथ में लेकर चेक करने लगे। जबकि धुरंधर ही उस दिन शिफ्ट इंचार्ज की भूमिका में था और मृतक वरुण को काम का निर्देश देकर भेजा था। इससे साफ है कि प्रबंधन वरूण के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देेने से बचने मामले को रफा-दफा करने में लगा है।
प्रबंधन ने इंजुरी फॉर्म में क्या लिखा परिजन को पता नहीं
यूनियन नेताओं नेे बताया कि सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे की घटना है और मंगलवार दोपहर एक बजे तक 24 घंटे बाद भी इंजुरी फॉर्म भरकर सेक्टर-9 हॉस्पिटल की मॉच्र्युरी नहीं पहुंचाया गया था जिससे साफ हो सके कि इस दुर्घटना के प्रति प्रबंधन क्या नजरिया रखता है। इस बात को लेकर परिजन गुस्से में भी है। प्रतिनिधि और मान्यता प्राप्त बड़ी यूनियनों की खामोशी पर भी लोगों ने आश्चर्य जताया है।
प्रबंधन ने कहा चक्कर आने से गिरा
परिवारजन ने बताया कि सोमवार को विभाग के अधिकारी घर आए थे। उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कार्य के दौरान वरूण को चक्कर आ गया। कुछ देर बैठा रहा फिर गिर गए। मामूली सी खरोच आई है। उन्हें मेन मेडिकल पोस्ट ले जाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिवार को नियमत: सारी चीजें प्रबंधन दिलाएगा। जबकि सहकर्मियों का कहना है कि वरूण काम करते-करते गिरा है।
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