भिलाई निवासी सुयश कंदेले ने नेटवर्क सिक्योरिटी एंड क्रिप्टोग्रॉफी पर रिसर्च किया है। लॉकडाउन के चलते थीसिस डिफेंस सेमिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया। पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च के लिए अब्रॉड जाना चाहते हैं। वहां से लौटकर देश में नेटवर्क व कंप्यूटर सेफ्टी की स्थिति को मजबूत करने में योगदान देना चाहते हैं। सुयश की फैमिली का बिजनेस है लेकिन पैरेंट्स ने यह फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया था। इस तरह सुयश ने बिजनेस छोड़ रिसर्च का रास्ता चुना।
सयश का कहना है कि मुझे बचपन से ही परिवार में एकेडमिक माहौल मिला है, जिसकी वजह से स्कूल के दिनों से ही मुझे रिसर्च में इंटरेस्ट रहा है। मैं एनआईटी रायपुर के सीएस डिपार्टमेंट में बीटेक प्रोग्राम में सिल्वर मेडलिस्ट रहा हूं और मैंने अपना बीटेक फाइनल इयर प्रोजेक्ट क्रिप्टोग्राफी पर रिसर्च कर बनाया था। जब मैं अपने सुपरवाइजर डॉ. सौर्यद्युति पॉल से मिला तब उन्होंने मुझे क्रिप्टोग्राफ़ी की बारीकियों और इस फील्ड से जुड़े कई इंटरेस्टिंग प्रॉब्लम्स के बारे में बताया, जिससे इस फील्ड में मेरी रूचि और ज्यादा हो गई।
सुयश ने बताया कि उनके दादा एवं नाना शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं देते रहे हैं। पापा शरद गुप्ता कंदेले बिजनेसमैन हैं और मां रेखा गुप्ता कंदेले हाउस वाइफ है। पैरेंट्स और बड़ी बहन पोस्ट-ग्रेजुएट हैं। पीएचडी एक लंबी और शानदार यात्रा है जिसमें कई उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन अपने सपनों को साकार करने के लिए मेरे परिवार के समर्थन ने मुझे हमेशा प्रोत्साहन और प्रेरणा दी है। मुझे मेरी बड़ी बहन से पीएचडी के लिए विशेष प्रोत्साहन मिला है।