scriptअपनी सेहत का ख्याल रखें तो समर भी कूल-कूल | Take care of your health, then Summer is cool-cool | Patrika News

अपनी सेहत का ख्याल रखें तो समर भी कूल-कूल

locationभिलाईPublished: Mar 30, 2018 06:05:44 pm

गर्मी की शुरुआत से ही अगर हम अपनी सेहत का ख्याल रखें तो गर्मी के इन दिनों को कूल-कूल तरीके से बिता सकते हैं।

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भिलाई . मार्च बीतने को है और अब अप्रैल अपने साथ लेकर आएगा चिपचिपाती गर्मी, तेज धूप और लू के साथ खतरनाक अल्ट्रावाइलेट किरणें। गर्मी की शुरुआत से ही अगर हम अपनी सेहत का ख्याल रखें तो गर्मी के इन दिनों को कूल-कूल तरीके से बिता सकते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो यह मौसम आंखों से लेकर त्वचा, पेट सभी पर असर डालता है। इसलिए जरूरी है कि गर्मी के शुरुआती दिनों से ही हम एहतियात बरतें तो हमें दिक्कतें नहीं होंगी।
अल्ट्रावाइलेट किरणों से बचाव
धूप का सीधा असर सीधे आंखों पर पड़ता है। सूर्य से सीधे धरती तक पहुंचने वाली अल्ट्रावाइलेट किरणें आंखों के लिए काफी खरतनाक मानी जाती है। गर्मी की शुरुआत होते ही अच्छी क्वालिटी के सनग्लासेस पहनना जरूरी है और सिर पर टोपी भी ताकि आंंखों पर सीधे सूर्य की किरणें ना पड़ें। इन दिनों आंखों में इंफेक्शन की भी शिकायतें आती है जिसमें आंखों का लाल होना शामिल है।
गर्मी के दिनों में आंखों में एलर्जी होने की शिकायतें ज्यादा आती है। इसलिए जरूरी है कि आंखों को ठंडे और साफ पानी से छींटे मारकर धोते रहें और जल्द ही अच्छे चिकित्सक की सलाह लें।
डॉ बीपी शर्मा, नेत्ररोग विशेषज्ञ
पानी पीते रहें और रखें तापमान का ख्याल
गर्मी में सबसे ज्यादा जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी को पूरा करना। अपने खानपान में ऐसी चीजों को शामिल करें जो पानी की कमी को पूरा करें। इन दिनों ताजे और सादे भोजन के साथ मौसमी फलों, छाछ, लस्सी, आम का पना का उपयोग करें, ताकि लू से बचाव हो सकें। खासकर तापमान का ख्याल रखें। ना तो सीधे एसी या कूलर वाले कमरे से निकलकर धूप में जाएं और ना ही धूप से आकर सीधे ठंडे कमरे में जाएं।
गर्मी के दिनों में सिकलिंग के मरीजों को ज्यादा दिक्कतें होती है। तापमान बढऩे से आरबीसी और तेजी से बदलती है और मरीज के पैरों में दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए उन्हें धूप में घूमने से बचना चाहिए।
डॉ सुधीर गांगेय, एमडी मेडिसिन
नकसीर फूटने पर रखें ध्यान
गर्मी के दौरान खासकर बच्चों में नकसीर फूटने की शिकायत ज्यादा आती है। इन दिनों नाक के अंदर एक पतली सी परत जैसी जम जाती है, लेकिन उसे निकालने की कोशिश नहीं करना चाहिए। बच्चे अक्सर ऐसा करते हैं और उस वजह से नाक के अंदर बारीक खून की नलियों का लिटिल्स एरिया में खरोच आते ही उससे खून निकलने लगता है। ऐसे में सबसे पहले मरीज को नीचे सिर कर बैठाएं।
नाक से खून निकलने की स्थिति में मरीज को नाक बंद कर नीचे सिर रख बैठाएं और उसे मुंह से सांस लेने कहें। क्योंकि अगर सिर उपर कर सुलाएंगे तो खून मुंह में आने का खतरा बना रहता है।
डॉ रतन तिवारी, नाक,कान, गला विशेषज्ञ
त्वचा को धूप से बचाएं
धूप का असर सीधे त्वचा पर भी होता है, अल्ट्रावाइलेट किरणें त्वचा की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती है। इसलिए जरूरी है कि धूप में जाने से पहले अपने चेहरे और शरीर को पूरी तरह कवर करके चलें। सूती वस्त्रों का उपयोग करें और हमेशा भरपेट भोजन करके ही घर से निकलें। खासकर पानी खूब पीएं और भोजन भी ऐसा होना चाहिए जो कई घंटों तक पानी की कमी को भी पूरा करें।
गर्मी में त्वचा को सबसे ज्यादा पोषण की जरूरत होती है इसलिए दिनभर में 10 लीटर पानी पीएं। ठंडे पानी से दिन में दो बार नहाएं, क्योंकि पसीना ही एलर्जी का कारण बनता है।
डॉ दीप चटर्जी, चर्म रोग विशेषज्ञ
सूक्ष्म व्यायाम हैं जरूरी
इस मौसम में पैदल चलने से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है,लेकि? योग ?? भी जरूरी है। इस दिनों ब्लड प्रेशर के मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है इसलिए सुबह जल्दी उठकर सूक्ष्म योग, प्राणायाम करें ताकि ताजी हवा शरीर के अंदर जा सकें। साथ ही सूर्य नमस्कार भी काफी फायदेमंद साबित होगा।
योग के जरिए शरी के श्वसन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है। इससे गर्मी में लू लगने का खतरा तो कम होता ही है बल्कि शरीर को पर्याप्त ऑक्सिजन भी मिलता है जो दिनभर ताजगी बनाए रखता है।
अरूण पंडा, योग विशेषज्ञ
खानपान ही सबसे महत्वपूर्ण
गर्मीभर अगर खान-पान सही रहे तो किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। इन दिनों ताजे और सादे भोजन को महत्व दें। सलाद, खीरा, तरबूज, खरबूज, आम पना, दही, छाछ, शिकंजी जैसी चीजों को खानपान में शामिल करें। तेल और मसालेदार भोजन से बचें ताकि शरीर में डिहाईड्रेशन की स्थिति ना बनें। इसके बावजूद भी अगर डिहाईड्रेशन की स्थिति बनती है तो नमक और शक्कर का घोल लगातरा पीते रहें।
गर्मी में बाहर कुछ ना खाएं तो बेहतर होगा। हमेशा ताजा भोजन करें, क्योंकि गर्मी के दिनों में पका हुआ भोजन जल्दी खराब होता है। बुजुर्गो और बच्चों के खानपान का विशेष ख्याल रखें।
डॉ संध्या मदन मोहन, न्यूट्रीशियन एंड डाइटिशियन
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