scriptनिजी की तरह सरकारी स्कूल में रिजल्ट मेंटेन करने 9 वीं में फेल 35 बच्चों को जबरन थमा दिया टीसी | TC to forcibly fail 35 children in 9th in Bhilai school | Patrika News

निजी की तरह सरकारी स्कूल में रिजल्ट मेंटेन करने 9 वीं में फेल 35 बच्चों को जबरन थमा दिया टीसी

locationभिलाईPublished: Jul 04, 2018 10:59:55 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

स्टेशन मरोदा स्थित शासकीय हाईस्कूल में 35 बच्चों को जबरन टीसी थमा दिया गया। ये बच्चे नवमीं में फेल हो गए थे।

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निजी की तरह सरकारी स्कूल में रिजल्ट मेंटेन करने के चक्कर में 9 वीं में फेल 35 बच्चों को जबरन थमा दिया टीसी

भिलाई. स्कूल की गुणवत्ता को बनाए रखने और बोर्ड में बेहतर रिजल्ट लाने अब सरकारी स्कूल के प्राचार्य कमजोर बच्चों को स्कूल से भगा रहे हैं। स्टेशन मरोदा स्थित शासकीय हाईस्कूल में 35 बच्चों को जबरन टीसी थमा दिया गया। ये बच्चे नवमीं में फेल हो गए थे।
प्राचार्य ने टीसी देकर बच्चों को नसीहत तक दे दी कि वे ओपन स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करें। इस साल बोर्ड परीक्षा में स्कूल का रिजल्ट 77 प्रतिशत आया है। ऐसे में अगर कमजोर बच्चों को स्कूल में रखा गया तो आने वाले साल में वे दसवीं का रिजल्ट खराब करेंगे। इसलिए ऐसे बच्चों को नवमीं से ही हटाया जा रहा है।
मिशन बेटर एजुकेशन फिसड्डी
बच्चों को स्कूल से निकालने के मामले में प्राचार्य अरविंद तिवारी अपना अलग ही तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि इन बच्चों को सप्लीमेंट्री का मौका भी दिया गया पर वे फेल हो गए। जबकि मिशन बेटर एजुकेशन के माध्यम से डीईओ ने कमजोर बच्चों के लिए अलग ही तरह का कोर्स डिजाइन किया है।
ताकि वे औसत अंकों के सहारे भी पास हो जाए। ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्कूल में या तो कमजोर बच्चों को छमाही के रिजल्ट के आधार पर उपचारात्मक शिक्षा नहीं दी गई और ना ही उनके लिए कोर्स ही ऐसा डिजाइन किया गया कि वे कम तैयारी में कम से कम पासिंग माक्र्स ला सकें।
रिजल्ट मेंटेन करने का चक्कर तो नहीं
अब प्राचार्य कमजोर बच्चों से पीछा छुडाऩे का तरीका खोज रहे हैं। स्टेशन मरोदा स्कूल में प्राचार्य डॉ अरविंद तिवारी ने एेसा ही किया। जगह की कमी बताकर बच्चों को निकाल दिया। इस वर्ष स्कूल में 9वीं में 117 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। जबकि अगर प्राचार्य चाहते तो इन 35 बच्चों के भविष्य को ध्यान में रख उतने ही बच्चों को नवमीं में प्रवेश देते जितनी उनके पास बैठाने की जगह है।
सीधी बात, प्राचार्य शा. हाई स्कूल मरोदा, डॉ. अरविंद तिवारी
Q आपके स्कूल में नवमीं फेल बच्चों को टीसी क्यों दे दी गई?
A उनको पूरक में भी मौका दिया गया था, पर वे पास नहीं हुए। हमारे पास बैठाने को जगह भी नहीं है।
Q स्कूल से निकालने का नियम तो नहीं है? फिर कैसे टीसी दे दी?
A इस वर्ष 117 बच्चों ने नवमीं में प्रवेश ले लिया है। हमारे पास दो ही सेक्शन है। उनके पास ओपन स्कूल का भी विकल्प है।
Q पर वे नियमित छात्र के रूप में पढऩा चाहते हैं?
A वे उमरपोटी के स्कूल क्यों नहीं जाते, वहां भी तो जगह खाली है।
फेल बच्चों को टीसी देना गलत
जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को फेल होने पर भी निकालने का नियम नहीं है। प्राचार्य ने गलत किया है। पुराने बच्चों को पहले मौका देने के बाद ही उन्हें सीट के मुताबिक नए बच्चों को प्रवेश देना था। मैं मामले की जांच करूंगा।
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