READ MORE : ऊंचे ख्वाब दिखा नाबालिग को उठा ले गया दो बच्चों का पिता, फिर जो हुआ, उससे सदमें में आ गई मां यह पीड़ा रविवार को राजस्थान वंचित शिक्षा सहयोगी (पेराटीचर्स) संघर्ष समिति की राजसमंद के रामेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित बैठक में सामने आई। बैठक में अध्यक्ष नारायणसिंह राठौड़ ने कहा कि कई पेराटीचर्स अकेले ही पूरे विद्यालय को संभाल रहे हैं, जहां की शैक्षिक गुणवत्ता का भी अगर आंकलन किया जाए, तो अन्य विद्यालयों के समक्ष या बेहतर ही है। फिर भी सरकार द्वारा वेतन सिर्फ साढ़े 6 हजार रुपए देकर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। महंगाई के आधुनिक जमाने में अब इस वेतन से समस्त पेराटीचर्स के लिए घर गुजारा चलाना ही मुश्किल है। अगर सरकार द्वारा जल्द ही उन्हें नियमित नहीं किया गया, तो कई पेराटीचर्स इसी मानदेय में सेवानिवृत हो जाएंगे और जिन्दगीभर स्कूलों में पढ़ाने के बावजूद उन्हें सरकार की तरफ से कोई परिलाभ नहीं मिलेगा। इस दौरान भंवरलाल भील, धन्नाराम भील, केसुलाल, बाबूलाल, मंजू सोनी, नंदलाल, मांगीदेवी, कालूसिंह चौहान, राकेश आदि मौजूद थे।
READ MORE : लग्जरी कार का लालच, कीमत चुकाई 46 करोड़ : एक दो नहीं, 21 हजार लोगों को लगी लालच की लत चरणबद्ध तरीके से होगा आंदोलन नियमित व समान वेतनमान को लेकर पेराटीचर्स संघर्ष समिति ने जिला व राज्य स्तर पर चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 25 जून सुबह 9 बजे रामेश्वर महादेव मंदिर परिसर राजसमंद में आयोजित होने वाली बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। उसी आधार पर राजसमंद शहर में रैली निकाल कर मुख्यमंत्री, राज्यपाल व शिक्षामंत्री के नाम ज्ञापन देकर उनके साथ हो रहे सौतेले बर्ताव से निजात दिलाने व समान वेतनमान की मांग की जाएगी।
READ MORE : Video : पुलिस समझती गर्म खून की गंभीरता तो बचा लेती एक जान श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां हर व्यक्ति के लिए न्यूनतम मजदूरी को लेकर बनाए श्रम कानून का सरकार स्तर पर ही पालना नहीं हो पा रही है। बतौर शिक्षक पूरे स्कूल को संभालने के बावजूद उन्हें उनकी शैक्षिक, प्रशैक्षिक योग्यता के आधार पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। इससे सरकार खुद के बनाए कानून को तोड़ रही है।