जिले के सभी गांवों में गौठान के क्षेत्रफल के मुताबिक राशि खर्च की जाएगी। जिस गांव में बड़ी जगह होगी वहां चारा के लिए भी आयोग से जगह आरक्षित की गई है। विभाग पशुओं के लिए छोटा और सर्व सुविधायुक्त गौठान निर्माण के लिए 17 लाख खर्च करेगा। वहीं बड़े गौठान के लिए क्षेत्रफल के अनुसार ज्यादा बजट खर्च किया गया।
शासन की ओर से गौठान में पशुओं के लिए बिजली पानी के साथ चारे की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही निगरानी के लिए ग्राम सरपंच सहित ग्राम के प्रमुख लोगों की टीम भी बनाई गई है। गौठान में पेयजल और पशुओं को नहलाने के लिए हैंडपंप खनन भी किया जाएगा। चारागाह के लिए हर गांव में अलग से 5 एकड़ की जमीन का चिन्हांकन किया गया है। जहां मवेशियों के लिए अलग से घास उगाई जाएगी। इसी घास का उपयोग मवेशियों के चारे के लिए किया जाएगा। गौठान में पशुओं के इलाज की सुविधा भी रहेगी।
आरएस मौर्य, उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग ने बताया कि इस योजना के तहत अभी कई जगह गौठान निर्माण किया जा रहा है। आगे युद्धस्तर पर काम किया जाएगा।