दो माह से नहीं मिला वेतन, कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने वाले दल ने किया हाथ खड़ा
कोरोना संक्रमित शव का दो कर्मियों ने किया अंतिम संस्कार.

भिलाई. रामनगर मुक्तिधाम, सुपेला में गुरुवार को कोरोना संक्रमित का शव सेक्टर-9 अस्पताल से अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। शासन की गाइड लाइन के मुताबिक इस शव का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन खुद करवाता है। इस कार्य के लिए नगर पालिक निगम, भिलाई से कर्मचारियों को तैनात किया गया है, लेकिन दो माह से वेतन नहीं मिलने की वजह से नाराज कर्मियों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। वे गुरुवार को मुक्तिधाम पहुंचे ही नहीं। इतमें से एक कर्मी एस मोनू मौजूद था, उसने एक अन्य व्यक्ति को फोन कर बुलाया और उसके साथ मिलकर चिता सजाया और शव को शव वाहन से उठाकर चिता में रखा और अंतिम संस्कार की रस्म को परिवार के एक सदस्य के साथ मिलकर अंजाम दिया।
लापरवाही से हो सकती है बड़ी दिक्कत
राम नगर मुक्तिधाम, सुपेला में कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार कराने व्यवस्था की गई है, यहां करीब हर दिन एक से अधिक शव लंबे समय से आ रहा है। कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने के लिए यहां अलग शेड तय कर दिया गया है। अपने करीबी का शव लेकर आने वालों को यहां पहली बार पहुंचने के बाद अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। अब तक कोरोना संक्रमित के शव को उठाकर शव वाहन से चिता तक लेकर जाने चार लोग रहते थे, आज वह व्यवस्था भी नहीं थी। इसके बाद अंतिम संस्कार करने वाला कर्मचारी बिना मास्क व हैंड ग्लब्स के सिर्फ पीपीई किट पहने था, तब मृतक के परिजन उसे मास्क और हैंड ग्लब्स खरीद कर दिए। यह सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है।
दो माह से नहीं मिला वेतन
कोविड-19 संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने के लिए निगम ने धन्नू जांगड़े, टेकचंद साहू, अमनदीप, एस मोनू को यहां तैनात किया है। इनके हाथ में हर माह में 10 तारीख से पहले वेतन पहुंच जाना चाहिए। इसके विपरीत दो माह से वेतन नहीं मिला है। परिवार पालने के लिए वे जान को जोखिम में डालकर यह काम करते हैं। इसके बदले समय पर वेतन न मिले तो किस तरह से वे बच्चों को दो वक्त का खाना दे पाएंगे। आर्थिक तौर पर कमजोर होने की वजह से वे अपना विरोध भी किसी बड़े अधिकारी के सामने जाकर जाहिर नहीं कर सकते। मामूली वेतन में वे इस काम को अंजाम दे रहे हैं।
एक बार हो चुका है हंगामा
दिसंबर 2020 में एक परिवार रिश्तेदारों के साथ संक्रमित शव लेकर रायपुर से रामनगर मुक्तिधाम पहुंचा। वहां कोविड-19 शव को नियम के मुताबिक अंतिम संस्कार करने कोई था ही नहीं। इस पर शव लेकर आने वाले बिफर गए। भड़के लोगों ने जमकर हंगामा किया। आनन-फानन में फिर उन चार कर्मियों को बुलवाया गया। तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया। जिस तरह से कर्मियों ने वेतन नहीं मिलने से संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने से हाथ खड़ा कर दिया है। इससे किसी भी दिन यहां बड़ा बवाल होने की आशंका बनी हुई है।
220 से अधिक का कर चुके अंतिम संस्कार
रामनगर मुक्तिधाम में एस मोनू, टेक चंद साहू, अमन दीप, धन्नू जांगड़े ने अब तक करीब 220 से अधिक कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार किया है। परिवार के सदस्य जब कोरोना संक्रमित शव के करीब जाने डर रहे थे, तब से यह लोग इस पुण्य के काम को कर रहे हैं।
सुबह से रात तक ड्यूटी
संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने वाले इन ठेका मजदूरों को सुबह ६ बजे ड्यूटी आना होता है, इसके बाद वे रात 10 बजे मुक्तिधाम से जाते हैं। इस तरह से 16 घंटे वे यहां काम करते हैं और बदले में सिर्फ 9320 रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा था। यह रकम भी समय पर नहीं मिल रही है।
जल्द मिलेगा वेतन
नगर पालिक निगम, भिलाई के उपायुक्त तरुण पाल लहरे ने बताया कि कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मियों का वेतन दो-तीन दिनों में मिल जाएगा। निगम ने कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की है, इस वजह से दिक्कत नहीं होगी। संक्रमित शव का अंतिम संस्कार जो कर्मचारी करते हैं, वे पारिवारिक काम से नहीं आ पाए। शव का अंतिम संस्कार दो ने मिलकर किया, यह सूचना मिल गई थी।
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