scriptकर्ज में डूबे एक किसान ने फिर लगा ली फांसी | The farmer engaged in debt was hanged | Patrika News

कर्ज में डूबे एक किसान ने फिर लगा ली फांसी

locationभिलाईPublished: Sep 19, 2017 06:14:59 pm

दुर्ग जिले पाटन ब्लाक के ग्राम रूही के किसान सुखीत पटेल रिता गुलाब पटेल ने मंगलवार को खेत के रास्ते में स्थित पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

suicide
भिलाई/पाटन.  छत्तीसगढ़ में किसानों द्वरा आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। पूरे राज्यभर में कर्ज एवं सूखे से परेशान दर्जनों किसान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं। इसके बाद भी शासन-प्रशाशन की ओर से किसानों के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है। वहीं किसान संगठनों की ओर से मात्र-धरना प्रदर्शन कर विरोध जता दिया जाता है। संगठनों की ओर से राज्यभर में कर्ज से डूबे किसानों के लिए कोई रास्ता नहीं निकाला जा सका है। लिहाजा किसान बेसमय मौत को गले लगा रहे हैं।
खेत के रास्ते में स्थित पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली

ऐसा ही एक नया मामला दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक में सामने आया है। ग्राम रूही के किसान सुखीत पटेल रिता गुलाब पटेल ने मंगलवार को खेत के रास्ते में स्थित पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान द्वारा आत्महत्या की खबर से पूरे गांव में सनसनी फैल गई। जिसने भी इस खबर को सुना किसी को सहसा विश्वास नहीं हुआ। किसान के इस कदम को ग्रामीणों कर्ज से डूबने एवं सूखे को एक वजह बता रहे हैं।
आज सुबह गांव वालों से मेल मुलाकात कर खेत चला गया था
जानकारी के अनुसार के किसान सुखीत आज सुबह गांव वालों से मेल मुलाकात कर खेत चला गया था। सुबह उन्हें किसी ने भी परेशान हालत में नहीं देखा। फिर अचानक ग्रामीणों ने उन्हें खेत के रास्त में स्थित पेड़ पर फांसी में लटकते देखा। इस खबर गांव में आग की तरह फैल गई. लोग दुर्घटना स्थल की ओर दौड़े तब-तक बहुंत देर हो चुकी थी। किसान के प्राण पखेरु उड़ चुके थे।

दो बेटे और एक बेटी का पिता था किसान
ग्रामीणों ने बताया कि किसान कुखीत के दो बेटे और एक बेटी है। वह तीनों की शादी कर चुका था। घर में अब सिर्फ पत्नी ही है। इस दु:खद घटना के बाद पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है।
भूमिहीन था किसान
ग्रामीणों ने बताया कि मृतक किसान सुखती पटेल के पास स्वयं की जमीन नहीं है। वह गांव के ही अवध राम के चार एकड़ खेती को रेग पर लेकर कई साल से किसानी कर रहा था। चार एकड़ की खेती में एक हैंडपंप भी है। इस साल सूखे की स्थिति के कारण उनकी फसल अच्छी नहीं है। वहीं बार-बार बिजली गुल होने के कारण वह पंप से सिचाई भी नहीं कर पा रहा था। सूखे एवं कर्ज के कारण आत्महत्या करने का मामला ग्रामीण बता रहे हैं।
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