scriptदूसरों के जीवन में रंग भरने वाले संतोष की जिंदगी हुई बे-रंग | The life of Santosh who fills the lives of others has become colorless | Patrika News

दूसरों के जीवन में रंग भरने वाले संतोष की जिंदगी हुई बे-रंग

locationभिलाईPublished: Aug 10, 2022 08:34:21 pm

Submitted by:

Abdul Salam

मदद को उठे हाथ,

दूसरों के जीवन में रंग भरने वाले संतोष की जिंदगी हुई बे-रंग

दूसरों के जीवन में रंग भरने वाले संतोष की जिंदगी हुई बे-रंग

भिलाई. सुपेला में रहने वाले संतोष गोस्वामी घरों के रंग-रोगन का काम करते थे। इस काम से उनको बहुत अधिक आमदानी नहीं होती थी, बावजूद इसके वे परिवार के साथ हंसीखुशी का जीवनयापन कर रहे थे। एक दिन वह दूसरे के घर बाहर के हिस्से में 2 मंजिला बिल्डिंग के ऊपर चढ़कर रंग-रोगन कर रहा था। काम करने के दौरान वह ऊपर से गिरा। जिससे उसके कमर की हड्डी टूट गई। अब यह घटना हुए करीब सालभर बीत रहा है और संतोष तब से बिस्तर पर ही है। अब उसका जीवन बे-रंग हो चला है। तब एक समिति के सदस्य उस परिवार की मदद करने आगे आ रही है।

भर आती है आंख
संतोष के दो बच्चे हैं। वह हादसे का शिकार हुआ, उसके पहले बच्चों की हर मांग को पूरा कर दिया करता था। अब बच्चे कुछ मांग लेते हैं तो उसकी आंखे नम हो जाती है। पत्नी बच्चों को किसी तरह समझा के वहां से हटा देती है।

छोटे-छोटे हैं बच्चे
संतोष के दो बच्चे हैं बेटा पहली कक्षा में व बेटी 4 थीं कक्षा में पढ़ रही है। परिवार में पत्नी के अलावा माता-पिता भी हैं। घर में कमाने वाला वह अकेला ही था। हादसे के बाद परिवार ने इलाज कराने के लिए जहां-जहां से हो सकता था, कर्ज भी लिया। रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन से लेकर तमाम दवा लिया। इसके बाद भी वह बिस्तर से उठ नहीं पाया।

समिति ने किया मदद के लिए पहल
प्रजा सेवा समिति, खुर्सीपार ने मदद के लिए पहल किया। वे परिवार को राशन, दवा व बच्चों के लिए किताब व ट्यूशन की फीस की व्यवस्था करने सदस्यों से सहयोग ले रहे हैं। कम उम्र में पिता बिस्तर पर चला गया है, तब बच्चों की शिक्षा व दूसरी जरूरत पूरी हो सके। यह कोशिश की जा रही है। कमेटी के सदस्य जेडी खान ने बताया कि उक्त पीडि़त परिवार को मदद करने सदस्यों को एकजुट किया जा रहा है। इसके साथ-साथ अन्य लोगों को भी इसके लिए आगे आकर सहयोग करने कहा जा रहा है।

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