ग्रेजुइटी सीलिंग पर है मौन सहमति
भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ कर्मचारियों को ग्रेच्युटी सीलिंग से सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। केंद्रीय यूनियनों की मौन सहमति है। पांच महीने बाद भी न तो किसी फोरम पर कोई सार्थक चर्चा हुई है और न ही कोई भी केंद्रीय यूनियन प्रबंधन के विरुद्ध कोर्ट गई है। 2014 में भी इसी तरह मौन रहकर नए कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीलिंग कर दी गई थी
भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ कर्मचारियों को ग्रेच्युटी सीलिंग से सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। केंद्रीय यूनियनों की मौन सहमति है। पांच महीने बाद भी न तो किसी फोरम पर कोई सार्थक चर्चा हुई है और न ही कोई भी केंद्रीय यूनियन प्रबंधन के विरुद्ध कोर्ट गई है। 2014 में भी इसी तरह मौन रहकर नए कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीलिंग कर दी गई थी
एरियर्स दिलाने की जगह कटवा दी राशि
फरवरी में एनजेसीएस मीटिंग से पहले कर्मियों को 39 महीने का एरियर्स दिलवाने का दावा कर रही थी। कर्मचारियों को एरियर्स तो नहीं मिला, लेकिन उनके पेमेंट से 200 से लेकर 400 रुपए वेज एरियर के रूप में काट लिया गया जिस पर सभी एनजेसीएस यूनियन मौन है।
फरवरी में एनजेसीएस मीटिंग से पहले कर्मियों को 39 महीने का एरियर्स दिलवाने का दावा कर रही थी। कर्मचारियों को एरियर्स तो नहीं मिला, लेकिन उनके पेमेंट से 200 से लेकर 400 रुपए वेज एरियर के रूप में काट लिया गया जिस पर सभी एनजेसीएस यूनियन मौन है।