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भिलाई

बुजुर्ग दंपती के कोर्ट पहुंचते ही पुलिस बैकफुट पर आ गई, क्या है मामला पढ़ें खबर

पुलिस द्वारा बार बार धमकी देने से परेशान एक वृद्ध दंपती ने अग्रिम जमानत के लिए में कोर्ट आवेदन प्रस्तुत किया तो पुलिस के सुर बदल गए।

भिलाईJan 18, 2018 / 09:26 pm

Satya Narayan Shukla

Durg court
दुर्ग . सुपेला पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की बार बार धमकी देने से परेशान एक वृद्ध दंपती ने अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया तो पुलिस के सुर ही बदल गए। न्यायालय के सवाल पर दंपती की ओर देखते हुए पुलिस ने कहा कि इनके खिलाफ कि सी तरह का मामला नहीं बनता। पुलिस के इस कथन के बाद वृद्ध दंपती ने राहत की सांस ली। न्यायालय ने भी अग्रिम जमानत आवेदन को लौटा दिया।
दंपती को बार बार थाना बुलाती थी

जमीन फर्जीवाड़ा मामले में सुपेला पुलिस ने माडल टाउन निवासी अंबिका देवांगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। इस मामले की जांच का हवाला देते हुए पुलिस मॉडल टाउन निवासी केडी मेश्राम दंपती और मनीष श्रीवास्तव को बार बार थाना बुलाती थी। उन्हें घंटो थाना में बैठाकर रखा जाता था। थाना नहीं पहुंचने पर पुलिस वृद्ध दंपती को यह कहते धमक ाती थी कि उसने गलत तरीके से अंबिका देवांगन से जमीन खरीदी है। थाना नहीं पहुंचने पर अंबिका के साथ उन्हें भी प्रकरण में आरोपी बना दिया जाएगा।पुलिस के इस धमकी से परेशान होकर इस दंपती ने न्यायाधीश दीपक कुमार देशलहरे के न्यायालय मेें अग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन प्रस्तुत करने की सूचना मिलते ही पुलिस अब दंपती को यह कह रही है कि उनके खिलाफ किसी तरह का अपराध नहीं बनता।
जमीन बेचने वाली महिला को भी कोर्ट से मिली जमानत

जमीन फर्जीवाड़ा के मामले में न्यायालय ने अंबिका के खिलाफ भी अपराध दर्ज करने के आधार को कमजोर माना। बचाव पक्ष के अधिवक्ता का तर्क सुनने के बाद धोखाधड़ी, कूटरचना करने जैसे गैरजमानती धारा लगाए जाने के बाद न्यायालय ने राहत देते हुए तत्काल जमानत आवेदन स्वीकृत किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि अंबिका ने न कूटरचना की है न ही धोखाधड़ी की है। वह अपने पैतृक संपत्ति जो उसके स्वामित्व में है उसे ही नियमों के तहत मेश्राम दंपती और मनीष श्रीवास्तव को बेचा है।
बंदोबस्त त्रुटि के कारण बदला गया था खसरा नंबर

इस मामले में बालकृष्ण बोरहाटे के पावर ऑफ अटार्नी के आधार पर उसके जमीन कारोबारी दमाद सुरेश पिल्ले ने शिक ायत की थी। बालकृष्ण ने १९६९ में माडल टाउन स्थित जमीन लक्ष्मण हेरऊ से खरीदी थी। वर्ष २००८ में जमीन का नकल लेने से खुलासा हुआ कि बंदोबस्त त्रुटि के कारण खसरा नंबर बदल गया। उसकी जमीन दौलत साहू के नाम से दर्ज हो गई। सुरेश पिल्ले ने दौलत की पत्नी सीता व पुत्री सुलोचना को पटवारी कार्यालय में उपस्थित कराकर अभिलेख में संशोधन कराकर बालकृष्ण बोरहाटे के नाम वाली जमीन को अन्य व्यक्ति को बेच दी।
सुपेला पुलिस ने बिना सोचे समझे एफआईआर दर्ज कर दिया

इसके बाद सुरेश पिल्ले ने तहसीलदार न्यायालय में यह कहते हुए आवेदन प्रस्तुत किया कि उसके ससुर के नाम पर मॉडल टाऊन में जमीन है जिसका पुराना खसरा नंबर ३२५-२ दो है। बदोबस्त में खसरा नंबर बदलने के कारण उसकी जमीन मिल नहीं रही है। उसे जमीन खोजकर दिलाया जाए। इसी आवेदन को आधार बनाकर सुपेला पुलिस ने बिना सोचे समझे अंबिका देवांगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया। खास बात यह है कि अंबिका देवांगन वर्तमान में अपने पैतृक जमीन पर काबिज है।
एसआईटी की जांच को किया नंजरअंदाज

जमीन कारोबारी सुरेश के आवेदन पर पुलिस की विशेष जांच सेल एसआईटी ने जांच की थी। जांच में अधिकारियों ने उल्लेख किया था कि आवेदन पर किसी तरह का अपराध नहीं बनता। पुराने अभिलेख और वर्तमान पटवारी अभिलेख में किसी तरह की त्रुटि या फर्जीवाड़ा प्रतीत नहीं हो रहा है। इसके बाद भी सुपेला पुलिस ने यह कहते हुए प्रकरण में एफआईआर दर्ज किया कि एसआईटी के अधिकारियों ने प्रकरण को समझा ही नहीं है।

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