scriptनदी का मटमैला पानी फिल्टर करने में लग रहा समय, 23 घंटे में नही भरीं आठ टंकियां | The time it takes to filter the lawn of the river | Patrika News
भिलाई

नदी का मटमैला पानी फिल्टर करने में लग रहा समय, 23 घंटे में नही भरीं आठ टंकियां

शिवनाथ नदी के मटमैला पानी को फिल्टर करने में 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट में दिक्कत आ रही है। प्लांट को नॉन स्टॉप 23 घंटे चालू रखने के बावजूद टंकियां नहीं भर रही हैं

भिलाईJul 20, 2018 / 06:57 pm

Bhuwan Sahu

filter plant bhilai

नदी का मटमैला पानी फिल्टर करने में लग रहा समय, 23 घंटे में नही भरीं आठ टंकियां

भिलाई . शिवनाथ नदी के मटमैला पानी को फिल्टर करने में 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट में दिक्कत आ रही है। प्लांट को नॉन स्टॉप २३ घंटे चालू रखने के बावजूद टंकियां नहीं भर रही हैं। इससे वार्डांे में पेयजल की सप्लाई प्रभावित हुई है। दर्जनभर वार्डों में गुरुवार को नलों में पानी नहीं पहुंचा। कुछ प्रभावित इलाकों में टैंकर से पानी सप्लाई किया गया, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था पर्याप्त फिर भी लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाया।
दरअसल में सोमवार को शिवनाथ नदी तट स्थित नगर पालिक निगम भिलाई के इंटकवेल के संपवेल में जलकुंभी फंस गई थी। इसके कारण प्लांट से टंकियों में पानी सप्लाई व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। दो दिन से नेहरू नगर, स्मृति नगर, फरीद नगर, वैशाली नगर, मदर टेरेसा, शिवाजी नगर और रिसाली जोन के नलो में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई थी। बुधवार की शाम तक इंटेकवेल की सफाई करने के बाद ७७ एमएलडी फिल्टर प्लांट में पानी की सप्लाई शुरू की गई। गुरुवार की सुबह ८ बजे तक ६ मीटर क्षमता वाली शहर के आठ टंकियों में ३- ४ मीटर (८० फीसदी)पानी भर पाई। इससे टेल एरिया में पानी नहीं पहुुंचा। कुछ इलाके नलों में पानी आया, लेकिन १०-१५ मिनट बाद बंद हो गए।
जब पार्षदों ने रोकी टंकी से जलापूर्ति

वैशाली नगर टंकी से पानी सप्लाई में विवाद की स्थिति बनीं। पार्षदों ने पानी की सप्लाई रोक दी। इनका कहना था कि टंकी में ३ मीटर पानी है। सप्लाई की तो कुरुद, शांतिनगर को पानी नहीं मिलेगा। प्रेशर कम होने से टेल एरिया में पानी नहीं पहुंचेगा।
मटमैला पानी कैसे होता है फिल्टर, जानिए

इंजीनियर सुनील जैन का कहना है कि शिवनाथ नदी में मटमैला पानी आ रहा है। इसे फिल्टर करने के लिए काफी समय लग रहा है। ७७ एमएलडी फिल्टर प्लांट के क्लोरीनेटर को ८ राउंड चलाने के बाद मिट्टी नीचे बैठती है। इसके बाद एलम और ब्लीचिंग डाला जाता है। फिर फिल्टर मीडिया से पानी को फिल्टर बेड में जाता है। जहां पानी को ७-८ राउंड गुजरता है। फिर प्रयोगशाला में टेस्ट किया जाता है। इसके बाद संपवेल में स्टोर होता है। पंप के माध्यम से पाइप लाइन के जरिए टंकियों में सप्लाई किया जाता है। सामान्य दिनों में क्लोरीनेटर को ३-४ राउंड चलाना पड़ता है। एलम की आवश्यकता भी कम पड़ती है।
सहायक अभियंता ने कहा कि सुनील जैन मटमैला पानी को फिल्टर करने में समय लग रहा है। सुबह तक सभी टंकियों में ४ मीटर पानी भरा गया। इससे कुछ हिस्से में जलापूर्ति प्रभावित हुई। प्रभावित क्षेत्र में शाम को पानी सप्लाई किया गया।
इन वार्डों के नल नहीं खुले

वैशाली नगर जोन- वैशाली नगर के लोगों को दो घंटा विलंब से पानी मिला। टंकी भरने के बाद दोपहर १२ बजे तक सप्लाई की गई।

मदर टेरेसा जोन- वार्ड-१९ शास्त्री नगर के नहर किनारे के लोगों को पानी नहीं मिला।
रिसाली जोन- नेवई, रिसाली बस्ती और रुआबांधा के नलों में पानी नहीं आया। नेवई में टैंकर से पानी सप्लाई की गई।

शिवाजी नगर टंकी- शिवाजी नगर जोन कार्यालय स्थित टंकी में ४ मीटर पानी भर पाया। बालाजी नगर, न्यू खुर्सीपार व गणेश मंदिर वार्ड के के नलों में पानी नहीं पहुंचा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो