इसके लिए शनिवार को शाम 6 बजे पायोनियर मूवमेंट सिविक सेंटर में बैठक बुलाई गई है। जिसमें 2018 की पॉलिसी व 2010 के बाद जिन्हें प्रमोशन नहीं मिला है और सेटलमेंट ऑफ क्लेम फाइल करने के इच्छुक हों, उन्हें पूरी जानकारी दी जाएगी। इस बैठक में ही किस तरह से पूरे मामले में संघर्ष करना है, इसकी रणनीति तय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में 13 फरवरी 2017 को श्रम व रोजगार मंत्रालय ने भी प्रबंधन से ट्रिब्यूनल कम लेबर कोर्ट ने पूछा था कि 2010 के बाद कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया, तो उन्हें क्या रिलीफ दिया गया।
श्रम व रोजगार मंत्रालय ने 14 अप्रैल 2017 को फिर से एक आदेश जारी किया व ट्रिब्यूनल ने 18 मई 2017 को सुनवाई का आदेश दिया। इस बीच ही प्रीसाइडिंग ऑफिसर के रिटायर्ड होने के कारण सुनवाई टलती रही। नए प्रीसाइडिंग ऑफिसर की पदस्थापना वर्तमान समय तक नहीं हुई है। इस मामले में यूनियन के नेताओं ने नए प्रीसाइङ्क्षडग ऑफिसर की नियुक्ति को लेकर पत्र भी शीर्ष नेताओं को लिखा है।
इस प्रकरण की अगली सुनवाई 17 दिसंबर 2018 को ट्रिब्यूनल कोर्ट, जबलपुर में होनी है। इस प्रकरण में सेटलमेंट ऑफ क्लेम फाइल किया जाएगा। जज की अनुपस्थिति में इस प्रकरण को बिलासपुर हाईकोर्ट में ले जाया जाएगा। वहां आगे की सुनवाई होगी। प्रमोद कुमार मिश्र ने कर्मियों से शनिवार को पायनियर मूवमेंट सिविक सेंटर में पहुंचने अपील किया है।