11 माह पहले की है घटना
20 मई 2018 को बीएसपी के मैकेनिकल स्पेयर शॉप स्टोर से 17 नग ट्यूर्स चोरी होने की शिकायत प्रबंधन ने पुलिस से की। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। इसमें लगातार पूछताछ और बयान लेने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।
20 मई 2018 को बीएसपी के मैकेनिकल स्पेयर शॉप स्टोर से 17 नग ट्यूर्स चोरी होने की शिकायत प्रबंधन ने पुलिस से की। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। इसमें लगातार पूछताछ और बयान लेने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।
दिसंबर में किए थे फाइल बंद
इस मामले को भट्ठी पुलिस २१ दिसंबर २०१८ को क्लोजर रिपोर्ट के साथ प्रकरण के फाइल को बंद कर दिया था, लेकिन घटना जिस तरह की थी, उसको देखते हुए कई तरह के संदेह पैदा हो रहे थे। बीएसपी के भीतर ट्यूर्स आया या नहीं। मामला फाइब्रेक्रेटिट तो नहीं है। बीएसपी में भी कर्मचारियों व अधिकारियों के बीच इसको लेकर कई तरह से सवाल उठ रहे थे।
इस मामले को भट्ठी पुलिस २१ दिसंबर २०१८ को क्लोजर रिपोर्ट के साथ प्रकरण के फाइल को बंद कर दिया था, लेकिन घटना जिस तरह की थी, उसको देखते हुए कई तरह के संदेह पैदा हो रहे थे। बीएसपी के भीतर ट्यूर्स आया या नहीं। मामला फाइब्रेक्रेटिट तो नहीं है। बीएसपी में भी कर्मचारियों व अधिकारियों के बीच इसको लेकर कई तरह से सवाल उठ रहे थे।
सीआईएसएफ ने लिखा पत्र
पुलिस के मुताबिक इस मामले में उच्च प्रबंधन को सीआईएसएफ की ओर से पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की गई। इस पर पुलिस अधीक्षक ने प्रकरण में पुन: जांच के लिए पत्र भट्ठी थाना को भेज दिया है। एसपी से मिले निर्देश के बाद मामले में जांच की तैयारी की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में उच्च प्रबंधन को सीआईएसएफ की ओर से पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की गई। इस पर पुलिस अधीक्षक ने प्रकरण में पुन: जांच के लिए पत्र भट्ठी थाना को भेज दिया है। एसपी से मिले निर्देश के बाद मामले में जांच की तैयारी की जा रही है।
तात्कालीन सीईओ खुद पहुंचे थे मौके पर
संयंत्र से मई 2018 में ब्लास्ट फर्नेस में लगने वाला लाखों के ट्यूर्स चोरों ने पार कर दिया था। यह चोरी प्लांट के डब्ल्यूएमडी बिल्डिंग के सामने मौजूद मैकेनिकल रिपेयर शॉप स्टोर से की गई है। 17 ट्यूर्स चोरी होने की खबर मिलने पर बीएसपी के तात्कालीन सीईओ एम रवि खुद मौके पर पहुंचे। स्टोर का जायजा लिया और सीआईएसएफ के शीर्ष अधिकारी से इस विषय पर चर्चा की। तब सीआईएसएफ ने टीम गठित कर तलाश शुरू कर दी। मामले में सीआईएसएफ की एक टीम दिल्ली से आकर भी जांच करके गई।
संयंत्र से मई 2018 में ब्लास्ट फर्नेस में लगने वाला लाखों के ट्यूर्स चोरों ने पार कर दिया था। यह चोरी प्लांट के डब्ल्यूएमडी बिल्डिंग के सामने मौजूद मैकेनिकल रिपेयर शॉप स्टोर से की गई है। 17 ट्यूर्स चोरी होने की खबर मिलने पर बीएसपी के तात्कालीन सीईओ एम रवि खुद मौके पर पहुंचे। स्टोर का जायजा लिया और सीआईएसएफ के शीर्ष अधिकारी से इस विषय पर चर्चा की। तब सीआईएसएफ ने टीम गठित कर तलाश शुरू कर दी। मामले में सीआईएसएफ की एक टीम दिल्ली से आकर भी जांच करके गई।
सवाल उठते तो कान हो गए खड़े
स्टोर के पास से ट्यूर्स को आसानी से चोरी नहीं किया जा सकता था। इसका वजन ही करीब 100 किलो से अधिक का होता है। इसे उठाने के लिए कम से कम क्रेन और परिवहन के लिए ट्रक की जरूरत पडऩा तय था। एक-एक करके इसे उठाकर प्लांट से बाहर लेकर जाना संभव नहीं था। तब ट्यूर्स बाहर कैसे गया।
स्टोर के पास से ट्यूर्स को आसानी से चोरी नहीं किया जा सकता था। इसका वजन ही करीब 100 किलो से अधिक का होता है। इसे उठाने के लिए कम से कम क्रेन और परिवहन के लिए ट्रक की जरूरत पडऩा तय था। एक-एक करके इसे उठाकर प्लांट से बाहर लेकर जाना संभव नहीं था। तब ट्यूर्स बाहर कैसे गया।
प्लांट के भीतर लाए भी या नहीं
बीएसपी के कार्मिकों ने चर्चा में भारी-भरकम ट्यूर्स की चोरी पर यह कहते हुए सवाल खड़ा किया कि इतना भारी ट्यूर्स संयंत्र के भीतर आने के बाद चोरी हुआ या बिना प्रवेश किए ही पार हो गया। यह सवाल इस वजह से कर्मियों के बीच उठे, क्योंकि ट्यूर्स बहुत अधिक वजनी होता है। इसे सीआईएसएफ की नजरों के सामने से बचकर पार नहीं किया जा सकता था।
बीएसपी के कार्मिकों ने चर्चा में भारी-भरकम ट्यूर्स की चोरी पर यह कहते हुए सवाल खड़ा किया कि इतना भारी ट्यूर्स संयंत्र के भीतर आने के बाद चोरी हुआ या बिना प्रवेश किए ही पार हो गया। यह सवाल इस वजह से कर्मियों के बीच उठे, क्योंकि ट्यूर्स बहुत अधिक वजनी होता है। इसे सीआईएसएफ की नजरों के सामने से बचकर पार नहीं किया जा सकता था।
तीन तरफ है सीआईएसएफ के जवान
बीएसपी में जिस स्टोर से ट्यूर्स पार हुआ था, उसके समीप में पॉवर प्लांट है, जहां सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। इसके अलावा ब्लास्ट फर्नेस क्षेत्र हैं। वहां भी सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। इसके बाद डब्ल्यूएमडी बिल्डिंग वाटर सप्लाई एरिया है, वहां भी सीआईएसएफ मौजूद रहती है। इसके बाद भी बीच से सामान पार हो गया, यह कई सवालों को जन्म दे रहा था।
बीएसपी में जिस स्टोर से ट्यूर्स पार हुआ था, उसके समीप में पॉवर प्लांट है, जहां सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। इसके अलावा ब्लास्ट फर्नेस क्षेत्र हैं। वहां भी सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। इसके बाद डब्ल्यूएमडी बिल्डिंग वाटर सप्लाई एरिया है, वहां भी सीआईएसएफ मौजूद रहती है। इसके बाद भी बीच से सामान पार हो गया, यह कई सवालों को जन्म दे रहा था।
संयंत्र में लगे हैं सीसीटीवी कैमरे
बीएसपी में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, यहां से गुजरने वाले हर वाहन पर कैमरे व सीआईएसएफ के जवानों की नजर होती है। इसके बाद भी ब्लास्ट फर्नेस में लगने वाले कॉपर से बने ट्यूर को आसानी से चोरों ने पार कर दिया।
बीएसपी में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, यहां से गुजरने वाले हर वाहन पर कैमरे व सीआईएसएफ के जवानों की नजर होती है। इसके बाद भी ब्लास्ट फर्नेस में लगने वाले कॉपर से बने ट्यूर को आसानी से चोरों ने पार कर दिया।
ब्लास्ट फर्नेस में होता है उपयोग
ट्यूर का उपयोग ब्लास्ट फर्नेस में किया जाता है। ब्लास्ट फर्नेस में इसे अंदर की ओर से लगाया जाता है। यह हीट को तेजी से संवहन करने की क्षमता रखता है।
ट्यूर का उपयोग ब्लास्ट फर्नेस में किया जाता है। ब्लास्ट फर्नेस में इसे अंदर की ओर से लगाया जाता है। यह हीट को तेजी से संवहन करने की क्षमता रखता है।
उत्पादन पर पड़ा था असर
ब्लास्ट फर्नेस में दिक्कत पेश आ रही थी, तब ट्यूर्स की कमी को वजह बताया गया। बीएसपी से एक तरफ ट्यूर्स की चोरी होने की बात कही गई, दूसरी ओर इसकी कमी से उत्पादन प्रभावित हुआ। पूरे प्रकरण में प्लांट को बड़ा नुकसान हुआ।
ब्लास्ट फर्नेस में दिक्कत पेश आ रही थी, तब ट्यूर्स की कमी को वजह बताया गया। बीएसपी से एक तरफ ट्यूर्स की चोरी होने की बात कही गई, दूसरी ओर इसकी कमी से उत्पादन प्रभावित हुआ। पूरे प्रकरण में प्लांट को बड़ा नुकसान हुआ।
यहां से प्रवेश करते हैं चोर
बीएसपी में बिना गेटपास के पकड़े जाने वाले अधिकतर चोर इस बात को साफ करते हैं, कि वे किस तरह से बीएसपी के गेट को छोड़ दूसरे स्थान से प्रवेश करते हैं। जिसकी वजह से उनको गेटपास की जरूरत नहीं पड़ती। पीपी यार्ड के रेलवे लाइन से होकर संयंत्र के भीतर आसानी से जाया जा सकता है। भीतर जाने के बाद कर्मियों की भीड़ में चोर मिल जाता है, जिसकी वजह से सीआईएसएफ के जवानों को उनकी पहचान करने में दिक्कत होती है, लेकिन यहां से ट्यूर्स को चोर पार कर दें, यह बात हजम नहीं होती।
बीएसपी में बिना गेटपास के पकड़े जाने वाले अधिकतर चोर इस बात को साफ करते हैं, कि वे किस तरह से बीएसपी के गेट को छोड़ दूसरे स्थान से प्रवेश करते हैं। जिसकी वजह से उनको गेटपास की जरूरत नहीं पड़ती। पीपी यार्ड के रेलवे लाइन से होकर संयंत्र के भीतर आसानी से जाया जा सकता है। भीतर जाने के बाद कर्मियों की भीड़ में चोर मिल जाता है, जिसकी वजह से सीआईएसएफ के जवानों को उनकी पहचान करने में दिक्कत होती है, लेकिन यहां से ट्यूर्स को चोर पार कर दें, यह बात हजम नहीं होती।