स्थिति को देखते हुए शासन ने लाइफ सेविंग मोबाइल एंबुलेस भी भेजा है। इसके अलावा ३ मोबाइल यूनिट और १०८ संजीवनी एक्सप्रेस पहले से ही अटैच है। पाटन क्षेत्र में एक मरीज मिलने के बाद वहां सभी ग्राम सभी पंचायतों में मुनादी कर घरों में लगे कूलर से पानी निकालने के लिए कहा है।
ऐहतियात के तौर पर गांवों में भी स्वास्थ्य शिविर लगाने का फैसला किया है। डेंगू के मरीजों के लिए ब्लड की जरूरत को देखते हुए पुलिस कंट्रोल रुम से वायरलेस चलाया गया। जिसमें पुलिस विभाग को स्वेच्छा से ब्लड देने अपने नाम और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने कहा गया है।
मुफ्त ब्लड-पैसों के लिए नहीं रुकेगा इलाज, अस्पतालों को देना होगी मुफ्त सेवा, जो सक्षम हैं वे करें सहयोग
शहर में फैले डेंगू के वायरस के स्टेज के बारे में पता लगाने के लिए सोमवार को आयुर्विज्ञान संस्थान जबलपुर भेजा गया। वहीं रायपुर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की टीम ने शहर में डेंगू वायरस के थर्ड स्टेज होने की आशंका जताई है। चिकित्सकों के मुताबिक शहर में सामान्य डेंगू के वायरस से अनुवांशिक बदलाव कर लिया है। चार चिकित्सकों की टीम ने छह स्थानों से मरीजों का ब्लड सैंपल एकत्र किया।
मैनेजमेंट से चर्चा की गई है। संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर से इलाज न कराएं। स्वयं से कोई भी दवा न लें। डेंगू से पीडि़त हर व्यक्ति का इलाज मुफ्त में होगा। बुखार आने पर जांच के लिए शासकीय चिकित्सालय में जांच कराएं। कोई पैसा नहीं लगेगा।