scriptयह है बीएसपी का नगर सेवा विभाग, जिसके पास टाउशिप में लगाने बल्ब ही नहीं | This is the township of the BSP, not only the bulbs. | Patrika News

यह है बीएसपी का नगर सेवा विभाग, जिसके पास टाउशिप में लगाने बल्ब ही नहीं

locationभिलाईPublished: Aug 26, 2018 06:23:40 pm

Submitted by:

Abdul Salam

टाउनशिप के स्ट्रीट में अंधेरा की वजह से दुर्घटना हो रही है। असामाजिक तत्व अंधेरे वाले जगहों पर खड़े होने लगे हैं।अपराधिककृत्य की आशंका रहती है।

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप में कई सड़कें अंधेरे में गुम हो रही है। शिकायत करने पर नगर सेवाएं विभाग से कॢमयों को बल्ब नहीं होने की दुहाई दे दी जाती है। इसकी शिकायत अब यूनियन के दफ्तर तक पहुंच रही है। इंटक की बैठक में पदाधिकारियों ने इस विषय पर प्रबंधन से चर्चा करने की बात भी कही है।
सेक्टर-4 स्थित इंटक के कार्यालय में हुई बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि नगर सेवाएं विभाग के पास स्ट्रीट लाइट में लगाने के लिए कई माह से बल्ब ही नहीं है। अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी मढ़ रहे हैं, लेकिन खामियाजा नगर वासियों को उठाना पड रहा है। टाउनशिप के कई स्ट्रीट में अंधेरा होने की वजह से दुर्घटना हो रही है। असामाजिक तत्व अंधेरे वाले जगहों पर खड़े होने लगे हैं। इससे अपराधिककृत्य होने की आशंका भी बनी रहती है।
4 साल से नहीं मिला रेनकोट
भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन विभाग में 4 साल से रेनकोट नहीं मिला है। यूनियन के पदाधिकरियों ने कहा कि इसकी वजह से कर्मियों को भीगते हुए काम करना पड़ रहा है। यह बीएसपी कर्मियों की कर्मठता है, जो काम बंद नहीं कर रहे हैं। प्रबंधन अगर जल्द रेनकोट उपलब्ध नहीं करवाता है, तो काम भी प्रहावित हो सकता है।
क्लबों का हो रख-रखाव
बीएसपी के क्लबों को कर्मचारी व अन्य लोग शादी, ब्याह के लिए बुकिंग करते हैं। इससे आने वाली राशि से प्रबंधन क्लबों का मेंटनेंस करवाए। यह मांग यूनियन नेताओं ने कही। क्लब से आने वाली राशि को क्लब के पास ही रखने का सुझाव भी यूनियन ने दिया। जिस तरह से अधिकारियों के क्लब में होता है। प्रबंधन अगर क्लब से आने वाली राशि से मेंटनेंस शुरू कर देता है, तो राशि किसके पास रहे, यह मसला हल हो जाएगा।
ठेका श्रमिकों को नहीं मिल रहा न्यूनतम वेतन
इंटक की इस बैठक में भी बीएसपी के ठेका श्रमिकों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलने की बात को उठाया गया। हर बैठक में यूनियन इस विषय पर चर्चा कर रही है। पदाधिकारियों ने ठेका श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 325 रुपए दिए जाने की वकालत की, लेकिन इसके लिए वे किस तरह का प्रयास करेंगे, इसका खुलासा नहीं किया। बीएसपी में श्रमिकों को 180 या 200 रुपए प्रतिदिन दिया जा रहा है। श्रमिकों को सप्ताह के अवकाश की छुट्टी का तक पैसा ठेकेदार नहीं दे रहे हैं।
प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने बनाया जाएगा दबाव
बैठक में महासचिव एसके बघेल ने कहा कि बीएसपी प्रबंधन टाउनशिप के लिए जल्द बल्ब की व्यवस्था नहीं करता है, तो यूनियन विरोध करने सामने आएगा। कोक ओवन जैसे एरिया में रेनकोट नहीं मिल रहा है। मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल रही है, ऐसे में कर्मियों से पूरी लगन व निष्ठा से काम की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। इस बैठक में पीजूशकर, आरसी अग्रवाल, संजय साहू, वंश बहादुर सिंह मौजूद थे।

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