एसएसपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ करने पर बताया कि उन्होंने पीतल का जेवरात आगरा से 2 हजार 100 रुपए किलो में खरीदा था। ठगी करने के लिए छत्तीसगढ़ में आए थे। चरोदा में एक रिश्तेदार के घर में ठहरे हुए थे, लेकिन लॉकडाउन में फंस गए। घर का खर्च चलाने के लिए रिश्तेदार के पास हैसियत नहीं थी। इस जेवरात का उपयोग करते हुए शहर में निकल पड़े। व्यापारी को अपने झांसे में लेकर उसे पीली धातु देकर 5 लाख रुपए ठग लिया।
आरोपी सोने की पॉलिस चढ़ा कर पीतल धातु के माला को रखे रहते हैं। उस व्यक्ति को दिखाते है ,जिससे ठगी करना है। असली सोने के दानों को उंगलियों के बीच दबाकर रखते है। विश्वास करने के बाद उसे नकली माला पकड़ाकर रकम लेकर चंपत हो जाते है।
एसएसपी अजय कुमार यादव ने बताया कि वारदात करने से पहले गिरोह का ईश्वर सोलंकी 20 मई को निर्मल कुमार जैन की दुकान में कटिंग प्लायर खरीदने गया। इस दौरान रुपए कम होने का हवाला देकर ईश्वर ने एक चांदी का सिक्का खरीदे गए प्लायर के बदले में देने लगा। इसी बीच झांसे में लेकर आरोपी ने व्यवसायी से पुराना सोना बेचने की बात कहते हुए कीमत बेहद कम बताया। 22 मई को ईश्वर सोलंकी सोने का चेन लेकर पहुंचा। चेन की चार कड़ी निकालकर निर्मल ने अपने परिचित गुरुनानक मार्केट में राधा ज्वेलर्स के पास ले जाकर जांच कराई तो सोना असली था। फि र ढाई किलो सोने के जेवरात का साढ़े 7 लाख रुपए में सौदा तय किया था। नंदिनी रोड में करुणा हास्पिटल के पास नाले के करीब बुलवाया और असली सोना बताकर पीतल के बने सोना पालिस वाली जेवरात देकर 5 लाख रुपए लेकर रफू चक्कर हो गया।