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बीएसपी के श्रमिक संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ क्यों लगा रहे हैं नारे

locationभिलाईPublished: Jul 16, 2019 11:25:09 am

बीएसपी में जेएसपीसीएल के नवीन जिंदल के कदम रखने के खिलाफ यूनियन नेताओं ने आवाज बुलंद कर दिया है। संयुक्त आंदोलन में यूनियन इमानदारी से संघर्ष करें।

BHILAI

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में जेएसपीसीएल के संचालक नवीन जिंदल के कदम रखने के खिलाफ यूनियन नेताओं ने आवाज बुलंद कर दिया है। मंगलवार को सुबह 8 बजे से बीएसपी bhilai steel plant के बोरिया गेट में सीटू के नेताओं ने केंद्र सरकार और जेएसपीसीएल के संचालक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके पहले सोमवार को इस मुद्दे पर ही एटक ने पूरे दिन सेक्टर-1 मुर्गा चौक पर धरना प्रदर्शन किया। वहीं अन्य यूनियन भी इसके खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटी है। इस मौके पर सीटू के अध्यक्ष एसपी डे ने केंद्र सरकार को निजीकरण के लिए जिम्मेदार बताते हुए कर्मियों व यूनियन को एक साथ आकर इसका विरोध करने पर बल दिया। इधर भिलाई इस्पात संयंत्र वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्त ने कहा कि भिलाई इस्पात सयंत्र कोई चारागाह नहीं जिसे चरने निजी उद्योगपति चले आएं।
स्पेशल स्टील प्लांट के निजीकरण पर लगे रोक

महासचिव डीवीएस रेड्डी ने बताया कि वे स्पेशल स्टील प्लांटों के निजीकरण पर रोक लगाया जाए। इसको लेकर बुधवार को भी यूनियन मेन गेट पर प्रदर्शन करेगी। सार्वजनिक उद्योग के निजीकरण का खास तौर पर विरोध किया जा रहा है। इसके साथ-साथ वेतन समझौता, अफोर्डेबिलिटी क्लॉज को थोपे जाने का विरोध भी इसमें शामिल है। उन्होंने बताया कि सेल के तीन स्पेशल स्टील प्लांट विश्वेश्वरैया, सेलम व दुर्गापुर एलॉय को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसका विरोध किया जा रहा है। संयुक्त आंदोलन में यूनियन इमानदारी से संघर्ष करें।
एटक ने भी किया विरोध प्रदर्शन
एटक के महासचिव व एनजेसीएस सदस्त विनोद सोनी ने कहा कि बीएसपी के बड़े काम को धीरे-धीरे टाटा को ठेके पर दिया जा रहा है। अब जिंदल के संचालक यहां पहुंचे हैं। इस तरह से केंद्र सरकार और प्रबंधन अपना रुख साफ कर रही है। कर्मचारियों को एक होकर इसके खिलाफ आगे आना होगा, वर्ना बाद में हाथ मलते रह जाएंगे। उन्होंने वेतन समझौता, एचआरए की भी मांग की। एटक ने इसको लेकर बीएसपी सीईओ के नाम प्रबंधन को ज्ञापन भी सौंपा।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने कहा बीएसपी चारागाह नहीं
इधर बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्त ने कहा कि भिलाई इस्पात सयंत्र कोई चारागाह नहीं जिसे चरने निजी उद्योगपति चले आएं। बीएसपी हजारों कर्मियों की मेहनत व खून-पसीने से सींची गई दौलत है, जिसे महारत्न बनाने सैकड़ों कर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इसे किसी कीमत में बेचने नहीं दिया जाएगा। सरकार व प्रबंधन के निजी करण की नीति का विरोध किया जाएगा। संयंत्र में निजी कंपनी के मालिक से मुयायना करवाना संयंत्र प्रबंधन की पूर्णत: गलत नीति है संयंत्र प्रबंधन के इस प्रकार के रवैए से साफ है कि दाल में कुछ काला जरूर है। बीएसपी को खरीदने के लिए अगर कोई भी निजी कंपनी मन बना रही है, तो उसे वह दिमांग से निकाल दे। यहां के कर्मचारी यह कभी नहीं होने देंगे।

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