सुरेश व उपेन्द्र सिंह ट्रेन हाईजेक की घटना में मुख्य भूमिका निभाई। दोनों को ट्रेन से उतरने के बाद वाहन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई थी। दोनों आरोपी ट्रेन रुकने का इंतजार कर रहे थे। कुम्हारी के निकट चेन पुलिंग करते ही दोनों आरोपी ऑटो लेकर पहुंचे और आरोपियों को बैठाकर वहां से भाग निकले। लाल रंग की कार दिखने पर आटो अड़ाकर कार को रोका गया और आरोपी कार लेकर पाटन की दिशा में भाग निकले।
इस बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई अब ६ जनवरी २०१८ को है। सुनवाई में न्यायालय ने बचाव पक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया है। आरोपी अपनी बेगुनाही साबित करने न्यायालय में गवाह प्रस्तुत करेगें।
बिलासपुर जेल से गैंगस्टर उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा को गवाही सुनवाई में दुर्ग जिला न्यायालय लाया गया था। उपेन्द्र पुलिस की अभिरक्षा में था। उसे छुड़ाने के लिए गैंगस्टर के पुत्र प्रीतम ने योजना तैयार कर दुर्ग-रायगढ़ चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को हाईजेक किया था। ट्रेन को हाईजेक करने के बाद आरोपी कुम्हारी के निकट उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाकर भगा ले गए। इस दौरान आरोपियों ने एक लाल रंग की कार को भी लूटी।