साजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 6 वर्ष से जंग खा रही लाखों की मशीन पड़ी थी। उसे यहां बुलाया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली से इंजीनियर बुलाए। हजारों रुपए खर्च कर करीब दर्जन भर मजदूरों की मदद से मशीन को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल की नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। दिल्ली से आए इंजीनियर ने मशीन को खोला तो भौचक रह गए। उसके करीब 6 पाट्र्स गायब मिले। इसमें मोटर ब्लोर, वाटर जेड नोजल पंप समेत 6 पाटर््स नहीं थे।
मशीन को 6 वर्ष पूर्व में साजा के लिए खरीदी गई थी, लेकिन उस दौरान खरीदारी में गड़बड़ी उजागर हुई थी। तब से मशीन वहीं पड़ी की पड़ी रह गई। जंग के साथ ही चोरों की भेंट चढ़ गई। उसके कई मंहगे पाट्र्स गायब हो गए। अब बिलासपुर से लाई गई मशीन को इंस्टॉल करना है। अब उसके लिए फिर से कैबिनेट बनाने होंगे। यह चर्चा चल रही है कि साजा वाली मशीन के जो पाटर््स गायब हुए है। उस पाट्र्स को बिलासपुर से आई मशीन में से निकाल कर उसमें फिट कर दिया जाएगा। विभाग ने जो पांच लाख की मशीन खरीदी वह बेकार हो गया। इसी जानकारी सीएसएचओ को दी गई। विभाग में हड़कंप मच गया। उन्होंने तत्काल रायपुर स्वास्थ्य संचनालय में बात की। तब यह निर्णय लिया गया कि बिलासपुर में एक पुरानी मशीन पड़ी है उसे भेजवाया जाएगा।