scriptकोविड जांच करने वाली ट्रू-नाट मशीन के इंस्टॉल होने से पहले गायब हो गए पाट्र्स, महामारी के दौर में बड़ी लापरवाही | true not machine parts found missing in Bhilai government hospital | Patrika News

कोविड जांच करने वाली ट्रू-नाट मशीन के इंस्टॉल होने से पहले गायब हो गए पाट्र्स, महामारी के दौर में बड़ी लापरवाही

locationभिलाईPublished: Jul 15, 2020 11:17:28 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

टू्र नाट मशीन के महत्वपूर्व पाट्र्स गायब हो चुके हैं। इसकी जानकारी दुर्ग सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर को दी गई। फिर आनन फानन में बिलासपुर से मशीन मंगाया गया।

कोविड जांच करने वाली ट्रू-नाट मशीन के इंस्टॉल होने से पहले गायब हो गए पाट्र्स, महामारी के दौर में बड़ी लापरवाही

कोविड जांच करने वाली ट्रू-नाट मशीन के इंस्टॉल होने से पहले गायब हो गए पाट्र्स, महामारी के दौर में बड़ी लापरवाही

भिलाई. कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहे दुर्ग जिले में सैंपल जांच की गति बढ़ाने टू्र नाट मशीन लगाई गई है। यह मशीन आठ वर्ष पुरानी है और बेमेतरा जिले के साजा स्वास्थ्य केंद्र में रखी थी। उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल लाया गया। जहां दिल्ली से इंस्टॉल करने पहुंचे इंजीनियर मशीन खोलकर देखे तो भौंचक रह गए। उसके कई महत्वपूर्व पाट्र्स गायब हो चुके हैं। इसकी जानकारी दुर्ग सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर को दी गई। फिर आनन फानन में बिलासपुर से मशीन मंगाया गया।
पखवाड़े भर से ट्रू नाट मशीन को बेमेतरा के साजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल लाया गया। इस का मकसद था कि एम्स में कोविड सैंपल जांच के लिए भीड़ बढ़ गई है। शासन ने ट्रू -नाट मशीन को कोविड-19 संक्रमण जांच के लिए अधिकृत माना है। इस कारण मशीन साजा से यहां लाई गई। कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने तत्काल मशीन को चालू कर जांच की गति बढ़ाने सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर को निर्देशित किया। सीएमएचओ ने सीएस डॉ. बाल किशोर को मशीन स्टॉल कराने जांंच अधिकारी बनाकर उसे तत्काल शुरू कराने कहा। उन्होंने मशीन को स्थापित तो करा दिया, लेकिन बड़ी लापरवाही यह हुई कि बिना जांच परखे मशीन को क्रेन और दर्जन भर मजदूरों की मदद से अस्पताल की नई बिल्डिंग में शिफ्ट करा दिया।
आनन-फानन में कराया गया इंस्टॉल
साजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 6 वर्ष से जंग खा रही लाखों की मशीन पड़ी थी। उसे यहां बुलाया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली से इंजीनियर बुलाए। हजारों रुपए खर्च कर करीब दर्जन भर मजदूरों की मदद से मशीन को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल की नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। दिल्ली से आए इंजीनियर ने मशीन को खोला तो भौचक रह गए। उसके करीब 6 पाट्र्स गायब मिले। इसमें मोटर ब्लोर, वाटर जेड नोजल पंप समेत 6 पाटर््स नहीं थे।
जानिए कैसे हुआ ये सब
मशीन को 6 वर्ष पूर्व में साजा के लिए खरीदी गई थी, लेकिन उस दौरान खरीदारी में गड़बड़ी उजागर हुई थी। तब से मशीन वहीं पड़ी की पड़ी रह गई। जंग के साथ ही चोरों की भेंट चढ़ गई। उसके कई मंहगे पाट्र्स गायब हो गए। अब बिलासपुर से लाई गई मशीन को इंस्टॉल करना है। अब उसके लिए फिर से कैबिनेट बनाने होंगे। यह चर्चा चल रही है कि साजा वाली मशीन के जो पाटर््स गायब हुए है। उस पाट्र्स को बिलासपुर से आई मशीन में से निकाल कर उसमें फिट कर दिया जाएगा। विभाग ने जो पांच लाख की मशीन खरीदी वह बेकार हो गया। इसी जानकारी सीएसएचओ को दी गई। विभाग में हड़कंप मच गया। उन्होंने तत्काल रायपुर स्वास्थ्य संचनालय में बात की। तब यह निर्णय लिया गया कि बिलासपुर में एक पुरानी मशीन पड़ी है उसे भेजवाया जाएगा।
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